अफ्रीकी संघ (एयू) G20 का स्थायी सदस्य बना
हाल ही में अफ्रीकी संघ (African Union : एयू) G20 का स्थायी सदस्य बन गया है । यह घोषणा नई दिल्ली में 18वें G20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में की गई । G20 में इस नवीनतम सदस्य के शामिल होने के बाद G20 अब G21बन गया है।
अफ्रीकी संघ को G-20 में शामिल करने का विचार जनवरी 2023 में ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन से उत्पन्न हुआ था।
जून 2023 में प्रधान मंत्री ने G20 नेताओं को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया कि G20 के आगामी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्यता दी जाए।
यह कदम अफ्रीका के साथ भारत के संबंध की गहनता का प्रतिबिंब है, जिसे अक्टूबर 2015 में तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन के लिए 40 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के आने से बढ़ावा मिला। अब तक, अफ्रीकी संघ का केवल एक देश दक्षिण अफ्रीका G20 का हिस्सा था।
अफ्रीका आउटरीच पहल के तहत, भारत ने सभी अफ्रीकी देशों में मंत्री स्तर के प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं पिछले नौ वर्षों में अफ्रीका के कम से कम 10 देशों का दौरा कर चुके हैं।
यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की आकांक्षा के अनुरूप भी है। भारत अफ्रीकी संघ का समर्थन हासिल करने का इच्छुक है जिसके पास 55 वोट हैं।
अफ़्रीकी संघ (एयू) के बारे में
- यह अफ़्रीका महाद्वीप पर स्थित 55 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी संगठन है। इस संगठन का गठन 9 जुलाई 2002 को किया गया था।
- इससे पहले इस संगठन का नाम अफ़्रीकी एकता संगठन (ओएयू) था, जिसका गठन अफ्रीका की आज़ादी के बाद 1963 में हुआ था तब इसमें तब 32 सदस्य देश शामिल थे।
- इसका मुख्यालय इथियोपिया के अदीस अबाबा में स्थित है।
- लगभग 1.4 बिलियन लोगों के साथ समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 3 ट्रिलियन डॉलर है।
अफ्रीकी यूनियन (एयू) का उद्देश्य-
- इसका उद्देश्य महाद्वीप के राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया को तेज करना है।
- इसके अलावा, एयू उन बहुमुखी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान करता है जिनका अफ्रीकी देश सामना कर रहे हैं।
- इसके प्रमुख उद्देश्यों में पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना भी शामिल है।
- मानवाधिकारों की रक्षा और प्रचार-प्रसार भी एजेंडे का हिस्सा है।
भारत-अफ्रीकी संबंध:
- सामाजिक अवसंरचना: भारत-अफ्रीका सहयोग में विभिन्न स्तरों पर शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल वृद्धि शामिल है। भारत-अफ्रीका साझेदारी (उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और रोडमैप 2030)
- सामान्य भू-राजनीतिक हित: भारत और अफ्रीका संयुक्त राष्ट्र सुधार, आतंकवाद-निरोध, शांति स्थापना और साइबर सुरक्षा में साझा हित रखते हैं।
- आर्थिक सहयोग: 2018-19 में 63.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ, जिसने आर्थिक संबंधों में योगदान दिया। एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर – भारत, जापान और कई अफ्रीकी देशों के बीच एक आर्थिक सहयोग समझौता।
एयू को जी20 में शामिल होने का परिणाम:
- अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर फधेल कबूब ने कहा, एयू के पास अब वैश्विक व्यापार, वित्त और निवेश के लिए G20 की स्थायी सीट का उपयोग करने का अवसर है।
- केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा कि समूह के शामिल होने से अफ्रीकी हितों और दृष्टिकोणों को जी20 में आवाज और दृश्यता मिलेगी।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस