अफ्रीकन स्वाइन फीवर
हाल ही में त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले के एक प्रजनन फार्म में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ (African swine fever – ASF) का मामला सामने आया है।
इसके बाद से ही त्रिपुरा सरकार ने फार्म में पाले जाने वाले सभी संक्रमित सूअरों को बड़े पैमाने पर मारने का फैसला किया है।
क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF)
- ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ पशुओं में होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक और घातक रोग है। यह घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर संक्रमण होने से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार (Hemorrhagic Fever) से पीड़ित हो जाते है।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था।
- इस बुखार का कोई इलाज नहीं है, और इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर के लिए अभी तक किसी मान्यता प्राप्त टीके की खोज नहीं हो पाई है, इसी वजह से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित जानवरों को मार दिया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू