भारत ‘बीज संधि’ (Seed Treaty) के 9वें सत्र की मेजबानी करेगा

भारत बीज संधि (Seed Treaty) के 9वें सत्र की मेजबानी करेगा

भारत ‘खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि (ITPGRFA)’ के शासी निकाय (GB9) के 9वें सत्र की मेजबानी करेगा।

ITPGRFA को ‘बीज संधि’ (Seed Treaty) के रूप में भी जाना जाता है। यह लोगों के लाभ के लिए दुनिया भर में खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों (PGRFA) के संरक्षण, उपयोग तथा प्रबंधन हेतु एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।

India to host 9th session of Seed Treaty

यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। इसे वर्ष 2001में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के 31वें सत्र के दौरान अपनाया गया था। यह वर्ष 2004 में प्रभावी हुआ था। भारत इसका पक्षकार है।

ITPGRFA के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

  • खाद्य और कृषि के लिए सभी पादप आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण व सतत उपयोग तथा
  • इनके उपयोग से होने वाले लाभों का उचित और समान बंटवारा सुनिश्चित करना।
  • ITPORFA ने नॉर्वे में स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट की स्थापना के लिए आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय कानूनी ढांचा भी प्रदान किया है।
  • PGRFA ऐसे कच्चे माल हैं, जो सभी फसल किस्मों का आधार बनते हैं। इनमें बीज और अन्य सभी पादपों की आनुवंशिक सामग्री शामिल होती है।

PGRFA का महत्व

  • यह प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह विकल्पों को बढ़ाता है और भविष्य की प्रतिकूल परिस्थितियों (जैसे कि चरम व बदलते पर्यावरण) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
  • पादपों की नई किस्मों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, यह मानव की खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities