इंटरपोल (Interpol) महासभा की 90वीं
हाल ही में इंटरपोल (Interpol) महासभा की 90वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई है । अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) एक अंतर-सरकारी संगठन है।
यह विश्व को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए सभी सदस्य देशों की पुलिस को मिलकर कार्य करने में मदद करता है। सदस्यों की कुल संख्या: 195 देश। भारत वर्ष 1949 से सदस्य है।
स्थापनाः वर्ष 1923 में ऑस्टिया के विएना में ।
मुख्यालयः फ्रांस के ल्योन में स्थित है।
संरचना :
- महासभा इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है। इसमें प्रत्येक सदस्य देश के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इसकी वर्ष में एक बार बैठक आयोजित होती है।
- यह एक देश, एक वोट के सिद्धांत पर कार्य करता है, महासभा के निर्णयों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए कार्यकारी समिति प्रभारी शासी निकाय के रूप में कार्य करती है।
महासचिव द्वारा संचालित महासचिवालयः
- यह अलग-अलग प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का समन्वय करता है।
- प्रत्येक देश में एक इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) होता है। यह महासचिवालय और अन्य देशों की NCBs के लिए परस्पर संपर्क के केंद्र-बिंदु की भूमिका निभाता है।
- केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को इंटरपोल के लिए भारत के NCB के रूप में नामित किया गया है।
इंटरपोल के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं –
- तीन तरह के अपराधों पर नियंत्रणः आतंकवाद का मुकाबला, साइबर अपराध तथा संगठित व उभरते अपराध ।
- ग्लोबल पुलिसिंग गोल्सः इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और अधिक सतत विश्व के निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना है।
इंटरपोल द्वारा जारी नोटिस –
ये नोटिस सदस्य देशों में पुलिस को अपराध-संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए जारी किये जाते हैं। ये नोटिस किसी सदस्य देश के इंटरपोल NCB के अनुरोध पर महासचिवालय जारी करता है।
स्रोत – द हिन्दू