64वीं वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) परिषद की बैठक ब्राजील में संपन्न
हाल ही में 64वीं वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) परिषद की बैठक ब्राजील में संपन्न हुई है।
GEF परिषद ने जलवायु, जैव विविधता और प्रदूषण से जुड़े संकटों से निपटने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए 1.4 बिलियन डॉलर के वितरण को मंजूरी दी है।
फंडिंग पैकेज के तहत 136 देशों को सहायता प्रदान की जाएगी। यह फंड उन्हें कुनमिंग – मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क के 23 लक्ष्यों में से अधिकतर लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
इस फ्रेमवर्क को 2022 में जैव विविधता अभिसमय के COP – 15 सम्मेलन में अपनाया गया था ।
GEF के बारे में
GEF अलग–अलग पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिए एक बहु हितधारक साझेदारी है। इसे 1992 में आयोजित UNFCCC के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन से ठीक पहले स्थापित किया गया था ।
GEF फंडिंग, GEF परिषद में भाग लेने वाले दाता देश प्रदान करते हैं। हर चार साल में पुनः पूर्ति (replenishment) प्रक्रिया के माध्यम से फंड जुटाया जाता है।
यह निम्नलिखित पांच अभिसमयों के लिए “वित्तीय तंत्र‘ के रूप में कार्य करती है:
जैविक विविधता पर अभिसमय (CBD),
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय ( UNFCCC).
दीर्घस्थायी जैविक प्रदूषकों (POPs) पर स्टॉकहोम अभिसमय,
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय ( UNCCD) और मरकरी पर मिनामाता अभिसमय ।
GCF की संरचना:
GEF असेंबली का गठन भारत सहित इसके सभी 185 सदस्य देशों या भागीदारों से मिलकर हुआ है।
GEF परिषद इसका मुख्य शासी निकाय है। इस परिषद में GEF सदस्य देशों के समूह क्षेत्रों से 32 सदस्यों की नियुक्ति की जाती है ।
16 सदस्य विकासशील देशों से, 14 सदस्य विकसित देशों से तथा 2 सदस्य मध्य व पूर्वी यूरोप और पूर्व सोवियत संघ के देशों से निर्वाचित होते हैं ।
GEF का सचिवालय वाशिंगटन डी.सी. (अमेरिका) में स्थित है।
स्रोत – डाउन टू अर्थ