विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 60 सदस्य देशों ने खाद्य सब्सिडी पर नई पद्धति का समर्थन किया
भारत सहित G–33, अफ्रीकी समूह और ACP (अफ्रीकी, कैरिबियन और प्रशांत) समूह ने विश्व व्यापार संगठन के समक्ष एक संयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसमें खाद्य सब्सिडी गणना की पद्धति में सुधार की बात की गयी है।
विश्व व्यापार संगठन की वर्तमान क्रियाविधि–
- WTO का यह अधिदेश है कि सदस्य देशों के खाद्य सब्सिडी बिल को ‘बाह्य संदर्भ अवधि (External Reference Period: ERP) के आधार पर उत्पादन मूल्य के 10 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
- इस 10% की सीमा को ‘डी मिनिमिस’ के रूप में जाना जाता है। इसका अर्थ है- कृषि पर समझौते के तहत प्रदान की जाने वाली घरेलू सहायता की न्यूनतम मात्रा।
- ‘बाह्य संदर्भ अवधि’ (ERP) आधार वर्ष 1986-88 पर आधारित औसत मूल्य है। ERP को दशकों से संशोधित नहीं किया गया है। यह पद्धति विकासशील देशों में उच्च मुद्रास्फीति के स्तर को ध्यान में रखने में विफल रही है।
इन देशों ने सब्सिडी की गणना करने के लिए एक नई पद्धति का सुझाव दिया है:
बाहरी संदर्भ मूल्य (ERP) में अत्यधिक मुद्रास्फीति की गणना करके, या पिछले पांच वर्षों के आधार पर ERP की गणना करके। इसमें संबंधित उत्पाद के लिए उच्चतम और निम्नतम प्रविष्टि को नहीं जोड़ा जायेगा।
घरेलू समर्थन में सब्सिडी का वर्गीकरण शामिल हैं। इन्हें ट्रैफिक लाइट्स के रंगों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है।
ग्रीन बॉक्स
- इन उपायों को कटौती प्रतिबद्धताओं से छूट दी गई है। वास्तव में, इसे विश्व व्यापार संगठन के तहत बिना किसी वित्तीय सीमा के भी बढ़ाया जा सकता है।
- यह विकसित और विकासशील, दोनों तरह के सदस्य देशों पर लागू होता है। लेकिन विकासशील देशों के मामले में, खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सरकारी अंशधारिता कार्यक्रमों तथा शहरी एवं ग्रामीण गरीबों के लिए सब्सिडीकत खाद्य कीमतों के संबंध में विशेष व्यवहार प्रदान किया जाता है।
- भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली-(PDS) ग्रीन बॉक्स के अंतर्गत नहीं आती है।
एम्बर बॉक्स
- वे सभी घरेलू समर्थन उपाय (कुछ अपवादों के साथ) जिन्हें उत्पादन और व्यापार को विकृत करने वाला माना जाता है, एम्बर बॉक्स में आते हैं।
- उदाहरण के लिए– न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP); खरीद मूल्य तथा उर्वरक, जल, ऋण, बिजली आदि जैसे इनपुट पर सब्सिडी का कुल योग।
ब्लू बॉक्स
- इसमें वास्तव में एम्बर बॉक्स सब्सिडियां हैं। लेकिन, ये उत्पादन को सीमित करती हैं। ऐसा कोई भी समर्थन जो आम तौर पर एम्बर बॉक्स में होता है, उसे ब्लू बॉक्स में रखा जाएगा, यदि ऐसा समर्थन किसानों को अपने उत्पादन को सीमित करने के लिए बाध्य करता हो।
- इन उपायों को भी कटौती प्रतिबद्धताओं से छूट प्राप्त है।
विशेष और विभेदक व्यवहार बॉक्स (S&DT)
- इसमें ट्रैक्टर और पंप सेट जैसी निवेश सब्सिडी, किसानों को उर्वरक जैसी कृषि इनपुट सेवाएं आदि शामिल हैं।
- ऐसी सब्सिडी केवल विकासशील और निम्न आय वाले देशों द्वारा दी जा सकती है।
स्रोत –द हिन्दू