5G के साथ अधिक लोग नेटवर्क पर निर्भर होंगे, इसलिए सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होगी। 5G तकनीक से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को उजागर कीजिए?
5G तकनीक के आगमन के साथ ही मानव जाति तकनीकी के साथ और अधिक गहनता से जुड़ जाएगी। रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डाटा जैसी तकनीकियों की पूर्ण क्षमता का दोहन अधिक गत के डाटा ट्रांसफर पर संभव हो पाएगा। मशीन से मशीन संचार के अनुप्रयोग वाले उपकरणों का उद्योग मानवीय उपयोग के लिए अत्यधिक संख्या में विकसित करेंगे। इन उपकरणों का प्रयोग करने की दशा में 5G नेटवर्कों के साथ लोगों का जुड़ाव भी बढ़ जाएगा।
5G तकनीकी के भविष्य को निम्न सुरक्षा चिंताएं प्रभावित करेंगी-
- अधिक डाटा का उत्पादन होगा फलत: उसके स्वदेशी भंडारण को सुनिश्चित करना होगा।
- डाटा सुरक्षा पर कानून का अभाव है, इसलिए लोगों को होने वाली हानियों का मुआवजा प्राप्त करने में कठिनाई आती है।
- लोगों की आजीविका डाटा पर निर्भर है। धन के लेन-देन के लिए लोग डिजिटल माध्यमों पर निर्भर हो रहे हैं। ऐसे में आजीविका की सुरक्षा भी डाटा सुरक्षा पर निर्भर है।
- कई प्रकार के साइबर हमले डाटा की मेजबानी करने वाले संस्थानों को भी चपेट में ले रहे हैं।
- 5G आधारित उपकरणों के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का सुरक्षा अंकेक्षण करने की जरूरत होगी। इसके लिए प्रयोगशाला परीक्षण पर निवेश करना होगा, ताकि हुवेई जैसी सूचना रिसाव के मामले सामने नहीं आए।
- डाटा चोरी, डाटा अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर भी काम करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष :
5G के अंगीकरण से पहले भारत को व्यापक कार्ययोजना पर काम करना चाहिए। डाटा सुरक्षा पर जल्दी संस्थागत और संरचनात्मक व्याख्या करने की जरूरत है। उपकरणों के स्वदेशीकरण पर पर्याप्त ध्यान देना होगा। उपकरणों का उत्पादन हो या अनुकूलन, दोनों के लिए ही काफी निवेश की जरूरत होगी। इन मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है।
स्रोत – पीआईबी