बंदरगाह कनेक्टिविटी हेतु 50 परियोजनाएं प्रारंभ
हाल ही में बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने 50 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट्स को अंतिम रूप दिया है ।
बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाएं ऐसी सड़क परियोजनाएं हैं, जो मौजूदा राजमार्गों तक पहुंच प्रदान करती हैं। ये परियोजनाएं सड़क नेटवर्क को बंदरगाहों तक ले जाती हैं। इस प्रकार ये वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाती हैं।
प्रधान मंत्री गति शक्ति योजना के हिस्से के रूप में, बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। व्यापार को सुविधाजनक बनाने और मल्टी-मॉडल परिवहन को बढ़ावा देने में इनके महत्व को देखते हए इन्हें वरीयता दी गयी है।
विदित हो कि भारत की तटरेखा 7,516.6 किमी तक फैली हुई है। भारत में 14 बड़े बंदरगाह तथा 205 अधिसूचित लघु और मध्यम आकार के बंदरगाह हैं।
गति शक्ति में अलग-अलग मंत्रालयों और राज्य सरकारों की कई अवसंरचना योजनाएं शामिल हैं। इनमें भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क/भूमि बंदरगाह, उड़ान आदि प्रमुख हैं।
बंदरगाह कनेक्टिविटी में वृद्धि ‘सागरमाला परियोजना’ के तहत एक घटक है। भारतमाला देश भर में सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम है।
परियोजनाओं का महत्व-
- कार्गो उत्पादन केंद्र तटीय क्षेत्र की बजाय मुख्य रूप से भीतरी इलाकों में हैं। इसलिए, बंदरगाहों से संपर्क महत्वपूर्ण है।
- बंदरगाह क्षेत्रों से कार्गो की निकासी में तेजी आएगी।
- इससे बंदरगाह पर कार्गो की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
- ये समुद्री क्षेत्र (ब्लू इकोनॉमी) के विकास को बढ़ावा 8 देंगी।
- ये व्यवसाय को सुगम बनाएंगी और मल्टी-मॉडल परिवहन में सहयोग करेंगी।
स्रोत –द हिन्दू