हाल ही में, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की 19वीं बैठक आयोजित हुई है। इस बैठक में ‘भारत में चीते के पुनर्वास के लिए कार्य योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना के तहत अगले 5 वर्षों में भारत में चीता संरक्षण कार्यक्रम 50 चीतों का पुनर्वास किया जाएगा।
चीता संरक्षण कार्यक्रम को NTCA के अघिदेश और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) द्वारावित्तपोषित प्रोजेक्टटाइगर योजना के एक भाग के रूप में संचालित किया जाना चाहिए।
एशियाई चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी जीव है, जो वर्ष 1952 में भारत में विलुप्त हो गया था। अधिकशिकार और पर्यावास हानि इसके विलोपन के कारण हैं।
दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना से लगभग 8-12अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश के कुनोपालपुर राष्ट्रीय उद्यान (IKNP) में लाया जाएगा।
अफ्रीकी चीतों (UCN स्थितिःवल्नरेबल) को इसलिए पुनर्वासित किया जा रहा है, क्योंकि एशियाई चीते(IUCN: क्रिटिकलीइन्डेंज़र्ड) संख्या में बहुत कम हैं। एशियाई चीते अब केवल ईरान में ही पाए जाते हैं।
संभावित लाभ
- ईको-पर्यटन संभावनाओं के माध्यम से स्थानीय समुदाय की आजीविका में वृद्धि करना।
- चीता खाद्य श्रृंखला के उच्चतम स्तर पर एक शीर्ष शिकारी प्रजाति है। इसे पुनर्वासित करने से उसके पर्यावासया यहां तक कि एक पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
- यह परियोजना अतीत के समान ही भारत की चार बड़ी बिल्ली प्रजातियों (वाघ, शेर, तेंदुआ और चीता) को सह-अस्तित्व में रहने की संभावना प्रदान करती है।
NCTA की 19वीं बैठक के अन्य निष्कर्ष
- एक वाटरएटलस जारी किया गया है। यह भारत के बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित सभी जल निकायों का मानचित्रण करता है।
- इन क्षेत्रों से 35 से अधिक नदियां निकलती हैं, जो जल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- 14 टाइगर रिजर्व कंजर्वेशनएश्योर्ड | टाइगरस्टैंडर्ड्स (CA|TS) के तहत मान्यता प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त, NCTA अन्य टाइगर रिज़र्व को भी CA|TSके तहत मान्यता दिलाने हेतु प्रयास कर रहा है।
- CA|TS मानदंडों का एक सेट है। यह बाघ स्थलों की यह जांच करने की अनुमति प्रदान करता है कि क्या उनके प्रबंधन से बाघों का सफल संरक्षण संभव होगा
- भारत में बाघों की कुल संख्या 2967 है। यह विश्व में बाघों की कुल आबादी का 70% से अधिक है। भारत के 18 राज्यों में 51 टाइगर रिज़र्व स्थापित किए गए हैं।
स्रोत –द हिन्दू