प्रोजेक्ट-75 की 5वीं स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी INS ‘वागीर‘ भारतीय नौसेना को सौंपी
- हाल ही में प्रोजेक्ट -75 कलवरी क्लास सबमरीन (Kalvari Class submarines) की पांचवीं पनडुब्बी यार्ड 11879 अर्थात वागीर (VAGIR) भारतीय नौसेना को सौंपी दी गई।
- यह कलवरी श्रेणी की डीज़ल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी यार्ड 11879 है, जिसे कमीशन किये जाने पर आईएनएस वागीर नाम दिया जाएगा।
- विदित हो कि कलवरी-श्रेणी की पनडुब्बियों में युद्ध-रोधी और सबमरीन-रोधी संचालन, खुफिया जानकारी एकत्र करने और निगरानी तथा माइन बिछाने सहित विभिन्न प्रकार के नौसेना युद्धों में संचालन की क्षमता होती है।
INS वागीर के बारे में
- वागीर-I, पूर्व में रूस से प्राप्त की गई सबमरीन को 3 दिसंबर, 1973 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद 7 जून, 2001 को सेवामुक्त किया गया था।
- सार्वजनिक जहाज़ निर्माता मझगाँव डॉक लिमिटेड (MDL) ने इसी नाम की पनडुब्बी को एक नया अवतार दिया।
- इसका नाम सैंड फिश के नाम पर रखा गया है, जो हिंद महासागर की एक खतरनाक शिकारी है।
परियोजना-75
- प्रोजेक्ट- 75 में फ्रांस की स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है। इन पनडुब्बियों का निर्माण नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया जा रहा है ।
- 12 नवंबर 2020 को लॉन्च की गई, वागीर ने 01 फरवरी 2022 से समुद्री परीक्षण शुरू किया था।
- छह पनडुब्बियों का निर्माण प्रोजेक्ट – 75 के तहत मझगांव डॉक द्वारा नौसेना समूह से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत अक्टूबर 2005 में हस्ताक्षरित 75 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत किया जा रहा था।
परियोजना–75 के तहत अन्य सबमरीन:
- पहली सबमरीन INS कलवरी को भारतीय नौसेना में दिसंबर 2017, दूसरी सबमरीन INS खंडेरी को सितंबर 2019 में, तीसरी सबमरीन INS करंज को मार्च 2021 में और चौथी INS वेला को नवंबर 2021 में सेवा में शामिल किया गया था।
- छठी और आखिरी सबमरीन वाग्शीर को 2023 के अंत तक नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है।
स्रोत – पी.आई.बी.