देश में केवल 30 फीसदी प्लास्टिक अपशिष्ट का ही पुनर्चक्रण

देश में केवल 30 फीसदी प्लास्टिक अपशिष्ट का ही पुनर्चक्रण

हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वार्षिक 34 लाख टन प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पन्न होता है, लेकिन केवल 30 फीसदी का ही पुनर्चक्रण किया जाता है।

  • उपर्युक्त निष्कर्ष मैरिको इनोवेशन फाउंडेशन की ‘इनोवेशन इन प्लास्टिक्स, द पोटेंशियल एंड पॉसिबिलिटीज़’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में सामने आया है ।
  • यह रिपोर्ट भारतीय विज्ञान संस्थान और प्रैक्सिस ग्लोबल एलायंस के सहयोग से तैयार की गई है।
  • यह रिपोर्ट भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकोसिस्टम का परीक्षण करती है। इस परीक्षण के माध्यम से इस क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों की पहचान की जाती है। साथ ही, यह रिपोर्ट व्यवसाय तथा तकनीकी नवाचारों पर विशेष ध्यान केंद्रित करती है ।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • भारत एक वर्ष में 34 लाख टन प्लास्टिक अपशिष्ट पैदा करता है । इसमें से केवल 30 फीसदी ही पुनर्चक्रित होता है। शेष प्लास्टिक अपशिष्ट को लैंडफिल स्थलों या जलीय निकायों में डंप कर दिया जाता है।
  • महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु मिलकर भारत में उत्पन्न होने वाले कुल प्लास्टिक अपशिष्ट में 38 प्रतिशत का योगदान करते हैं ।
  • भारत में 94% पुनर्चक्रित प्लास्टिक अपशिष्ट को यांत्रिक पुनर्चक्रण पद्धति का उपयोग करके महीन टुकड़ों में खंडित कर दिया जाता है ।

प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रभावः

  • कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है;
  • माइक्रोप्लास्टिक की उपस्थिति के कारण संपूर्ण खाद्य श्रृंखला दूषित हो जाती है;
  • जानवरों, विशेष रूप से समुद्री प्रजातियों के लिए खतरा पैदा हो जाता है आदि ।

सिफारिशें

  • पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करने के लिए भारत में लैंडफिल और अपशिष्ट दहन पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
  • ‘पे-एज़-यू-थ्रो’ प्रणाली लागू की जानी चाहिए। इसके तहत नागरिक, मिश्रित अपशिष्ट के बैग के लिए प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान करते हैं ।
  • लास्टिक बैग के उत्पादन व आयात से लेकर निपटान तक की पूरी उपयोग अवधि को विनियमित किया जाना चाहिए ।

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) के लिए पहलें

  • PWM संशोधन नियम, 2021 के तहत जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • प्लास्टिक पैकेजिंग पर विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ।
  • सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है ।

स्रोत – बिजनेस स्टेंडर्ड

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