सरोगेट माताओं के लिए 3 वर्षीय स्वास्थ्य बीमा योजना: सरकार
हाल ही में केंद्र सरकार ने सरोगेट माताओं के लिए 3 वर्षीय स्वास्थ्य बीमा योजना को अनिवार्य कर दिया है । यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सरोगेसी (विनियमन) नियम 2022 के तहत नई अधिसूचना जारी की गयी है।
इस अधिसूचना के अनुसारः
- इच्छुक दंपत्तियों को किसी बीमा कंपनी या एजेंट से सरोगेट माता के लिए एक सामान्य स्वास्थ्य बीमा कवर खरीदना होगा। यह बीमा कंपनी या एजेंट भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी/होना चाहिए।
- इसमें गर्भावस्था और प्रसव के बाद प्रसव संबंधी जटिलताओं सहित सभी जटिलताओं के खर्चे शामिल होने चाहिए।
- सरोगेट माता पर किसी भी सरोगेसी प्रक्रिया के प्रयासों की संख्या तीन बार से अधिक नहीं होगी।
- सरोगेसी की प्रक्रिया के दौरान सरोगेट माता को गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम, 1971 के अनुसार गर्भपात की अनुमति दी जा सकती है।
एक महिला केवल निम्नलिखित आधार पर सरोगेसी का विकल्प चुन सकती है:
- यदि उसका गर्भाशय नहीं है, या असामान्य गर्भाशय है या
- यदि स्त्री रोग संबंधी कैंसर जैसी किसी चिकित्सीय स्थिति के कारण गर्भाशय को शल्य चिकित्सा द्वारा हटा दिया गया है।
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021 भारत में सरोगेसी अभ्यास और प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। इसके तहत, वाणिज्यिक सरोगेसी सख्त वर्जित है। केवल परोपकारी (altruistic) सरोगेसी का ही सहारा लिया जा सकता है।
चुनौतियां:
- सरोगेट माताओं का शोषण,
- अस्वच्छ रहन-सहन और
- अनुचित व्यवहार।
स्रोत -द हिन्दू