20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
हाल ही में भारतीय प्रधान मंत्री ने इंडोनेशिया के जकार्ता में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (ASEAN-India Summit) और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (18th East Asia Summit : EAS) में भाग लिया है ।
मुख्य बिंदु:
- प्रधान मंत्री ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के परिप्रेक्ष्य में आसियान की केंद्रीय भूमिका की पुष्टि की और भारत के हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के आउटलुक (AOIP) के बीच तालमेल पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और इसके भविष्य की राह को तैयार करने पर आसियान भागीदारों से चर्चा की।
- उन्होंने आसियान-भारत माल व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
हिंद-प्रशांत महासागर पहल (Indo-Pacific Oceans Initiative):
- ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल’ को 4 नवंबर, 2019 को बैंकॉक, थाईलैंड में 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS)के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- पीएम मोदी ने एक सुरक्षित और स्थिर समुद्री क्षेत्र के लिए इस पहल का सुझाव दिया था ।
इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक: यह क्षेत्र में सहयोग का मार्गदर्शन करने और आसियान की सामुदायिक निर्माण प्रक्रिया को बढ़ाने और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन जैसे मौजूदा आसियान के नेतृत्व वाले तंत्र को और मजबूत करने के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करता है ।
शिखर सम्मेलन के मुख्य निष्कर्ष:
भारत ने इस सम्मेलन में ‘भारत-आसियान’ सहयोग को मजबूत करने के लिए 12-सूत्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया है।
इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी सहित आर्थिक गलियारा स्थापित करना जो दक्षिण-पूर्व एशिया भारत- पश्चिम एशिया-यूरोप को जोड़ेगा ।
- आसियान भागीदारों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को साझा करना ।
- डिजिटल भविष्य हेतु आसियान-भारत कोष की स्थापना का प्रस्ताव, जो डिजिटल परिवर्तन और वित्तीय कनेक्टिविटी में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा ।
- भारत में स्थापित विश्व स्वास्थ्य संगठन – पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र (WHO-GCTM) में शामिल होने के लिए आसियान देशों को आमंत्रण ।
- आपदा-रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन(CDRI) में शामिल होने के लिए आसियान देशों को आमंत्रण ।
- ज्ञान भागीदार के रूप में कार्य करने के लिए “आसियान और पूर्वी एशिया के आर्थिक एवं अनुसंधान संस्थान (ERIA) का समर्थन करना ।
- समुद्री सुरक्षा, सुरक्षा और डोमेन जागरूकता पर सहयोग बढ़ाने का आह्वान। बहुपक्षीय मंचों पर ग्लोबल साउथ के सामने आने वाले मुद्दों को सामूहिक रूप से उठाने का आह्वान ।
- मिशन लाइफ पर मिलकर काम करने का आह्वान । जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश ।
आसियान के बारे में:
- दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ या आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 में बैंकॉक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी ।
- आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है। यह नीति एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत के विस्तारित पड़ोसी देशों पर केंद्रित है ।
- भारत 2002 में आसियान का शिखर सम्मेलन-स्तरीय भागीदार बना।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS):
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, EAS में भाग लेने वाले देशों के राष्ट्राध्यक्षों/सरकारों के प्रमुखों की बैठक है जो प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।
- EAS एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 18 देशों का एक मंच है। इसे क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया गया है।
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) प्रक्रिया 2005 में मलेशिया के कुआलालंपुर में प्रथम पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के आयोजन के साथ शुरू की गई थी।
- अपनी शुरुआत में, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 16 भाग लेने वाले देश शामिल थे। इस समूह में आसियान के दस सदस्य देश तथा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और रूसी संघ 19 नवंबर 2011 को बाली, इंडोनेशिया में छठे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस