20 सालों में अमेरिका की अफगानिस्तान में उपलब्धियां
हाल ही में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो गयी है। ऐसा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लगभग दो दशकों के बाद हुआ है।
पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान में अमेरिका की उपलब्धियों का विश्लेषण:
- संयुक्त राज्य अमेरिकाके राष्ट्रपति बिडेनने इस बात कादावा किया है, कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से संचालित ‘अल-कायदा आतंकवादी नेटवर्क’ को विफल कर दिया है, और इसके नेता ओसामा बिन लादेन को भी मार गिराया था जिससे 9/11 के आतंकी हमलों का इंसाफ भी पूरा हो गया है।
- आगे बिडेन ने कहा वर्ष 2001 में, अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर आक्रमण करने का यही मुख्य लक्ष्य था, न कि राष्ट्र-निर्माण का। और इस तरह से राष्ट्रपति बिडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी को सही ठहराने का प्रयास किया है।
- हालांकि, इस तरह के विचार का बहुत से लोग इस तथ्य पर विरोध कर रहे हैं कि पिछले अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जीतने के प्रमुख पहलू के रूप में ‘तालिबान को सत्ता से हटाने’ का लक्ष्य रखा था।
- और इसी वजह से, अमेरिका ने ‘अल-कायदा नेटवर्क को समाप्त करने’ और ‘ओसामा बिन लादेन’ को मारने के बाद भी अपने संसाधनों का अफगानिस्तान में निवेश जारी रखा था।
- महत्वपूर्ण तथ्य यह है, कि अमरीका ने अफगानिस्तान में जिस आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध करने का प्रण लिया था, वह सफल नहीं हो सका है,क्योंकि अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में,अभी भी अल-कायदा और ‘इस्लामिक स्टेट’ के आतंकवादी नेटवर्क काफी सक्रिय हैं।
- हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्यो बलों द्वारा चलाए जा रहे ‘निकासी प्रयासों’ पर ‘इस्लामिक स्टेट’ (आईएस) आतंकवादियों का हमला, इसका एक स्पष्ट प्रमाण है।
- तालिबान (हक्कानी गुट) के अंदर बढ़ती गुटबाजी से गृहयुद्ध जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो इस क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा सकती है। जिसकी वजह से, पिछले 20 वर्षों में वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में $2 ट्रिलियन से अधिक व्यय और 2,300 से अधिक सैनिकों को खोने के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हासिल की गयी मामूली उपलब्धियां भी नष्ट हो सकती है।
स्रोत – द हिन्दू