विश्व शरणार्थी दिवस
20 जून को पूरे विश्व भर में शरणार्थियों को सम्मानित करने हेतु, 20 जून को ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ मनाया जा गया है। सर्वप्रथम विश्व शरणार्थी दिवस 20 जून, 2001 को मनाया गया था।
महत्व
- संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार आतंक, युद्ध और संघर्ष से बचने के लिए प्रति 1 मिनट में 20 लोग अपने घर से भागने को मजबूर हैं। वर्ष 2019 के अंत तक, दुनिया में जबरन विस्थापित होने वाले लोगों की अनुमानित संख्या लघभग 79.5 मिलियन है।
- बहुत सी समस्याओं के बावजूद, दुनिया भर में शरणार्थियों द्वारा दिखाए गए साहस और उनके संघर्ष के प्रति लचीलेपन को 20 जून मनाया जा रहा है, ताकि उन्हें और मजबूत किया जा सके और उन्हें यह एहसास दिलाया जा सके कि वे न केवल जीवित रहेंगे, बल्कि अपने अधिकारों और सपनों को प्राप्त करने की दिशा में भी कामयाब होंगे।
- इसके साथ ही, दुनिया भर की सरकारों को शरणार्थियों की सुरक्षा और समर्थन के लिए इस तिथि पर अपने कर्तव्यों का एहसास कराया जाता है।
- संघर्षों और आतंक के अतिरिक्त, आज दुनिया में बहुत से शरणार्थी ऐसे भी हैं जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं जैसे सुनामी, भूकंप, बाढ़ आदि के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शरणार्थियों से जुड़े आंकड़े:
- वर्ष 2019 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अनुसार सम्पूर्ण विश्व में 68% शरणार्थी सीरिया (6.6 मिलियन), वेनेजुएला (3.7 मिलियन शरणार्थी), अफगानिस्तान (2.7 मिलियन), दक्षिण सूडान (2.2 मिलियन) और म्यांमार (1.1 मिलियन) देशों से हैं।
- 2019 तक दुनिया भर में कुल 79.5 मिलियन शरणार्थियों में से 26 मिलियन 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
स्रोत – द हिन्दू