प्रतिवर्ष 2 मिमी डूब रही मुंबई
हाल ही में किये गए एक नए शोध में चेतावनी दी गई है कि, मुंबई 2 मिलीमीटर वार्षिक की दर से डूब रहा है।
अनुसंधानकर्ताओं ने InSAR (इंटरफेरोमेट्रिक सिंथेटिक अपर्चर रडार) डेटा का उपयोग करते हुए 99 देशों में अवतलन (Subsidence) का विश्लेषण किया है। इस शोध के अनुसार चीन का तियानजिन विश्व में सबसे तेजी से डूबने वाला तटीय शहर होगा।
- InSAR भूमि विरूपण (ground deformation) का मानचित्र प्राप्त करने की एक तकनीक है। इसके लिए परिक्रमा कर रहे उपग्रहों द्वारा ली गई पृथ्वी की सतह की रडार छवियों का उपयोग किया जाता है।
- नासा (NASA) और इसरो (ISRO) (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र) नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) मिशन पर एक साथ कार्य कर रहे हैं।
- इस मिशन का लक्ष्य पृथ्वी की सतह में परिवर्तन का मापन करना है। भू-अवतलन पृथ्वी की सतह के धीरे-धीरे धंसने या अचानक डूब जाने को कहते हैं। यह पृथ्वी की सतह की उपसतही सामग्री के हटने या विस्थापन के कारण होता है।
- यह स्थानीय जल प्रणाली को प्रतिकूल रूप से बदल देता है। इससे बाढ़ आती है, और सड़कों, रेलवे, दूरसंचार आदि जैसी नागरिक अवसंरचना को नुकसान पहुंचता है।
भू–अवतलन (land subsidence) के अग्रलिखित कारण हैं:
- अत्यधिक भूजल दोहन, प्राकृतिक आर्द्रभूमियों का विनाश, भूमिगत अवसंरचना का विकास, खनन और पारिस्थितिकी संबंधी अन्य बाधाएं।
- यह मृदा के प्राकृतिक संघनन (compaction) या धंसने के कारण भी हो सकता है।
मिट्टी के धंसने में शामिल हैं: सिंकहोल निर्माण, भूकंप, या पर्माफ्रॉस्ट (स्थायी तुषार-भूमि) का पिघलना आदि।
अवतलन को नियंत्रित करने या रोकने के निम्नलिखित तरीके हैं:
- पंपिंग द्वारा जल निष्कर्षण को हतोत्साहित करना,
- भूमि की सतह से जलभृतों को कृत्रिम रूप से फिर से भरना,
- कुओं के माध्यम से जलभृतों में जल का रिसाव, या उपर्युक्त तरीकों को संयुक्त रूप से अपनाना।
इससे पहले, केंद्रीय भूजल बोर्ड ने भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य उत्तर भारत में भू-अवतलन पर भूजल दोहन के प्रभाव का अध्ययन करना था।
स्रोत –द हिन्दू