19वीं आसियान भारत आर्थिक मामलों की मंत्री स्तरीय बैठक
हाल ही में भारत-दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) द्वारा गठित समिति मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा करेगी।
हाल ही में कंबोडिया में 19वीं आसियान-भारत आर्थिक मामलों की मंत्री स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।
इस बैठक में आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) की समीक्षा का समर्थन किया गया था।
समीक्षा में निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा–
- इसे अधिक उद्योग अनुकूल कैसे बनाया जाए।
- समकालीन व्यापार सुविधाजनक प्रणालियों के समान आधुनिक कैसे बनाया जाए,
- प्रशुल्क और विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कैसे किया जाए।
- आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं सहित वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने में कैसे सक्षम बनाया जाए।
भारत-आसियान व्यापार से जुड़ी चिंताएं–
बढ़ता व्यापार घाटाः आसियान देशों को निर्यात की तुलना में वहां से भारत में आयात में तेजी से वृद्धि हुई है।
- आसियान क्षेत्र में भारत के निर्यात पर प्रतिबंधात्मक बाधाएं मौजूद हैं। ये बाधाएं विशेष रूप से कृषि (सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी उपाय), तथा ऑटो क्षेत्र (व्यापार के समक्ष तकनीकी बाधाएं) में मौजूद हैं।
- भारतीय निर्यातकों को आसियान देशों में सख्त उत्पत्ति के नियमों (Rules of origin: RoO) और अनुपालन नियमों का सामना करना पड़ता है।
- RoO किसी देश में आयातित उत्पाद के मूल राष्ट्र का निर्धारण करने के लिए निर्धारित मानदंड हैं।
- आसियान और भारत ने व्यापक आर्थिक सहयोग पर फ्रेमवर्क समझौते पर वर्ष 2003 में हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते ने बाद में किए गए समझौतों के लिए कानूनी आधार के रूप में कार्य किया था।
इन समझौतों में शामिल हैं:
- वस्तु व्यापार समझौता (2010),
- सेवा व्यापार समझौता (2014) और
- निवेश समझौता (2014).
उपर्युक्त सभी समझौतों से मिलकर आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र (AIFTA) का निर्माण हुआ है। भारत और आसियान क्षेत्र के बीच व्यापार 98.39 बिलियन डॉलर (2021- 2022) तक पहुंच गया है।
स्रोत – द हिन्दू