17वीं बिम्सटेक बैठक का आयोजन
हाल ही में, 17 वीं बिम्सटेक की मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था ।इस बैठक की अध्यक्षता श्रीलंका ने की थी।
बिम्सटेक का पूरा नाम बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) है। जिसको हिंदी में बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल कहा जाता है।
इस बैठक में बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैण्ड, भूटान,नेपाल और म्यांमार सहित सभी सात सदस्य देशों ने भाग लिया।
पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से इस उप-क्षेत्रीय संगठन का गठन किया गया था।
- प्रारंभ में इसके गठन में चार सदस्य देश थे तब इसका संक्षिप्त नाम ‘BIST-EC’ (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) था।
- वर्ष 1997 के बाद म्यामार शामिल होने पर इसका नाम बदलकर ‘BIMST-EC’ कर दिया गया। वर्ष 2004 में नेपाल और भूटान के इसमें शामिल होने के बाद संगठन का नाम बदलकर बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन कर दिया गया।
बिम्सटेक (BIMSTEC) क्या है?
- यह एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठन है तथा बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित देश इसके सदस्य हैं।वर्ष 1997 में, बंगाल की खाड़ी क्षेत्र को एकीकृत करने के प्रयास में इस समूह की स्थापना की गई थी।
- मुख्यतः बिम्सटेक, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के सात देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। मूल रूप से इस समूह में बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे, बाद में म्यांमार, नेपाल और भूटान भी इसके सदस्य बन गए।
- दक्षिण एशिया के 5 देश – बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका
- दक्षिण-पूर्व एशिया के 2 देश – म्याँमार और थाईलैंड
- यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के मध्य एक सेतु की भूमिका भी निभाता है। मालदीव, अफगानिस्तान और पाकिस्तान बिम्सटेक सदस्य देश नहीं हैं
उद्देश्य:
- इसके मुख्य उद्देश्य तीव्र आर्थिक विकास हेतु वातावरण तैयार करना, सामाजिक प्रगति में तेज़ी लाना और क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत के लिए बिम्सटेक का महत्व:
- बिम्सटेक संगठनके देशों में विश्व की कुल आबादी का लगभग पांचवा भाग (22%) निवास करता है, और इनका कुल सकल घरेलू उत्पाद $ 2.7 ट्रिलियन के करीब है।
- बंगाल की खाड़ी, प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिसका अभी तक दोहन नहीं किया गया है। अतः इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को मजबूती बनाये रखने के लिए यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है।
- बिम्सटेक, न केवल दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों को जोड़ता है, बल्कि महान हिमालय और बंगाल की खाड़ी की पारिस्थितिकी को परस्पर संबद्ध करता है। विश्व में व्यापार की जाने वाली कुल सामग्री का लगभग एक-चौथाई भाग, प्रतिवर्ष बंगाल की खाड़ी से होकर गुजरता है।
- भारत की विदेश नीति के लिहाज से ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट’ इनकी प्राथमिकताओं को कार्यान्वित करने के लिए एक प्राकृतिक मंच भी उपलब्ध कराता है।
- रणनीतिक दृष्टिकोण से, बंगाल की खाड़ी, जोकि मलक्का जलडमरूमध्य के लिए एक कीप की भांति है, लगातार प्रभावशाली होते जा रहे चीन के लिए हिंद महासागर तक अपनी पहुँच बनाए रखने के लिए, एक प्रमुख थिएटर के रूप में उभरा है।
स्रोत – द हिन्दू