17 अप्रैल को मनाया गया विश्व हीमोफिलिया दिवस
‘विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया’ द्वारा 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया गया है । यह हीमोफ़ीलिया और अन्य आनुवंशिक खून बहने वाले विकारों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने वाली विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया’ की एक पहल है ।
हीमोफिलिया क्या है?
- दरअसल, हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है अर्थात यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है. यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पाई जाती है।
- इस बीमारी से ग्रसित में रक्त श्राव नहीं रुकता है अर्थात इस बीमारी में रक्त का थक्का नहीं बनता है. ऐसा रक्त में प्रोटीन की कमी के कारण होता है जिसे क्लौटिंग फैक्टर भी कहते है।
- इस वर्ष, विश्व हीमोफिलिया दिवस निम्नलिखित थीम : Adapting to Change है ।
महत्व:
75% रक्तस्राव विकार से प्रभावित लोग इसके प्रति जागरूक नहीं हैं और उचित देखभाल का अभाव है, इसलिए, इस दिन को मनाने का उद्देश्य बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया
विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया’ की सथापना फ्रैंक श्नेबल ने वर्ष 1963, में की थी अतः इनके जन्मदिन के अवसर पर हीहीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है।विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफ़ीलिया’ का मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है।
स्रोत – द हिन्दू