इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन का आयोजन
हाल ही में प्रधान मंत्री ने इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन का उद्घाटन किया है।
- प्रवासी भारतीय दिवस प्रत्येक दो वर्षों में एक बार मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भारत सरकार के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय के जुड़ाव को मजबूत करना है। साथ ही, उन्हें अपने भारतीय मूल से फिर से जोड़ना है।
- 09 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये थे। यह इसी की स्मृति में मनाया जाता है ।
- इस वर्ष के PBD सम्मेलन की थीम थी “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार” ।
- PBD के तहत प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके तहत विदेशों में भारत के बारे में बेहतर समझ बनाने, भारतीय हितों का समर्थन करने और स्थानीय भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए काम करने हेतु भारतीय प्रवासियों को पुरस्कृत किया जाता है ।
- प्रवासी एक ही मातृभूमि के लोगों का एक समुदाय होता है, जो अलग-अलग देशों / अधिकार क्षेत्रों की ओर प्रवास कर गए हैं।
प्रवासी भारतीयों का महत्त्व–
- ब्रांड इंडिया की पहचान को मजबूत करने में मदद करते हैं।
- प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए विप्रेषण (रेमिटेंस) सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक होते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सेतु, मध्यस्थ, सुविधा प्रदाता, लॉबी और पक्ष समर्थक समूहों के रूप में कार्य करते हैं।
- तकनीकी ज्ञान के हस्तांतरण और वित्त के रूप में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
- PBD के अवसर पर भारत और यूनाइटेड किंगडम ने यंग प्रोफेशनल्स स्कीम की शुरुआत की है।
- इसके तहत दोनों देशों के 18 से 30 वर्ष की आयु के 3,000 डिग्री धारक नागरिकों को दो साल की अवधि के लिए भारत और यूनाइटेड किंगडम में रहने व काम करने की अनुमति दी जाएगी।
स्रोत – द हिन्दू