14वें ब्रिक्स सम्मेलन
हाल ही में 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से चीन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया है ।इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भाग लिया है।
इस सम्मेलन की थीम थी “उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत”।
ब्रिक्स देशों ने ‘बीजिंग घोषणा’ को अपनाया। साथ ही, सदस्य देशों ने सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर भी बल दिया।
बीजिंग घोषणा के प्रमुख बिंदु–
- बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के पालन के आधार पर वैश्विक अभिशासन को मजबूत करने तथा सुधारने का आह्वान किया गया है।
- इसमें सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने वाले अधिक समावेशी वैश्विक अभिशासन साधन शामिल हैं।
- इसमें संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों में सुधारों का आह्वान किया गया है। साथ ही, विकसित देशों से “नीति प्रसार का प्रबंधन करते समय जिम्मेदार आर्थिक नीतियों का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है।
- इसमें कोविड के बाद आर्थिक स्थिति में सुधार व सतत विकास को बढ़ावा देना और नई औद्योगिक क्रांति पर ब्रिक्स साझेदारी (PartNIR) को आगे बढ़ाने का आह्वान भी शामिल है।
- घोषणा में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से शांति और सुरक्षा की रक्षा का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व की परिकल्पना भी की गई है।
ब्रिक्स के बारे में
- ब्रिक्स विश्व की प्रमुख उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इस समूह के सदस्य हैं।
- वर्ष 2006 में इसकी शुरुआत ब्रिक/ BRIC (ब्राजील,रूस, भारत और चीन) के रूप में हुई थी।
- वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका के इस मंच में शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर ब्रिक्स (BRICS) कर दिया गया था।
इसके तीन आधार स्तंभ हैं: राजनीतिक और सुरक्षा, आर्थिक एवं वित्तीय तथा सांस्कृतिक व लोगों का परस्पर विनिमय।
स्रोत –द हिन्दू