13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
हाल ही में 13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में आयोजित किया गया है।
इस शिखर सम्मेलन का विषय- “ब्रिक्स@15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग” (BRICS/15: Intra & BRICS Cooperation for Continuity] Consolidation and Consensus) था।
Cooperation, Continuity, Consolidation and Consensus ये उपर्युक्त चार ‘C’ एक प्रकार से ब्रिक्स साझेदारी के मूलभूत सिद्धांत हैं।
प्रमुख निर्णय/संकल्पः
भारत के प्रधानमंत्री ने कोविड के पश्चात वैश्विक रिकवरी के लिए प्रत्यास्थ, नवोन्मेषी, विश्वसनीय और संधारणीय पुनर्निर्माण के आदर्श वाक्य के अंतर्गत ब्रिक्स देशों के मध्य सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
इस दौरान ‘नई दिल्ली घोषणा’ अंगीकृत की गई। इसके तहत निम्नलिखित का आह्वान किया गयाः
- शांतिपूर्ण तरीकों से अफगान संकट का समाधान करना।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सहित संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों में सुधार करना।
- ब्रिक्स ने ‘बहुपक्षीय प्रणालियों को सुदृढ़ करने तथा उनमें सुधार करने पर सामूहिक एकजुटता व्यक्त की है।
- मानवीय संकट की स्थितियों का समाधान करना तथा महिलाओं, बच्चों एवं अल्पसंख्यकों सहित सभी के मानवाधिकारों की रक्षा करना।
- आतंकवाद विरोधी कार्य योजना (Action Plan on Counter-Terrorism) के कार्यान्वयन में तेजी लाना।
- अंतरिक्ष एजेंसियों तथा सुदूर संवेदी उपग्रहों पर समझौते से वैश्विक जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, खाद्यान्न और जल संकट की रोकथाम आदि में अनुसंधान क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- कृषि सहयोग कार्ययोजना (वर्ष 2021-2024) अंगीकृत की गई।
ब्रिक्स(BRICS)
- ब्रिक्स विश्व की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं यथा- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को एक मंच पर लाता है।
- यह विश्व की 41 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने समूह है। यह समूह विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 24 प्रतिशत तथा विश्व व्यापार में 16 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है।
स्रोत – द हिन्दू