11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई
11 अप्रैल को, प्रधानमंत्री ने महान समाज सुधारक, विचारक, दार्शनिक और लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले जीवन भर महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे। सामाजिक सुधार के प्रति उनकी निष्ठा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में
- महात्मा ज्योतिबा फुले का पूरा नाम महात्माजोतिराव गोविंदराव फुलेथा। इनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था और मृत्यु 28 नवंबर, 1890 को हुई थी।
- यह समाज सुधारक, लेखक और दार्शनिक व्यक्ति थे,इन्हेंमहात्मा फुलेएवं ”जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।
- उनका विवाह 1880 में सावित्रीबाई फुले से हुआ जो आगे चलकर देश की पहली प्रशिक्षित महिला अध्यापिका बनीं।
- महात्मा ज्योतिबा फुले ने वर्ण भेद, जाति भेद, लिंग भेद, ऊंच-नीच के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी।यही नहीं उन्होंने न्याय व समानता के मूल्यों पर आधारित समाज की परिकल्पना प्रस्तुत की।
- गरीबों और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए 1873 में ज्योतिबा ने ‘सत्यशोधक समाज’ नामक संस्था का गठन किया। उनकी समाजसेवा देखकर 1888 ई. में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी गई थी।
- वे बाल-विवाह विरोधी और विधवा-विवाह के समर्थक थे। उन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं,जिनमें – गुलामगिरी, तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, किसान का कोड़ा औरअछूतों की कैफियत आदि प्रमुख हैं।
स्रोत – पी आई बी