1 जून को विश्व दुग्ध दिवस 2021 का आयोजन (World Milk Day, 2021)
1 जून को वैश्विक स्तर पर विश्व दुग्ध दिवस 2021 (World Milk Day-2021) मनाया गया है। भारत में इस दिवस के अवसर पर ‘कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण’ (एपीडा) ने भारत की डेयरी उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने हेतु मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सहयोग से एक संगोष्ठी का आयोजन किया है।
मुख्य बिंदु
विदित हो कि, भारत विश्व में दूध के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। अतः हम कह सकते हैं कि भारत दूध के उत्पादन में आत्मनिर्भर है, एवं भारत निर्यात के लिए भी पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त दूध का भी उत्पादन करता है। भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र के विकास हेतु कई योजनाएँ चलाई हुई हैं,जैसे-
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (National Program for Dairy Development)
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission)
- पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (Livestock Health and Disease Control Program)
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund)
कोविड-19 महामारी के चलते डेयरी सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। उल्लेखनीय है कि डेयरी क्षेत्र से भारत सहित दुनिया के अरबों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है।
विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day)
- 1 जून को प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में विश्व दुग्ध दिवसमनाया जाता है। इसको मानाने का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र के विकास, दुग्ध उत्पादन गतिविधियां एवं दूध के पोषण संबंधी महत्त्व का प्रचार प्रसार करना है। भारत में इस दिवस को खाद्य एवं कृषि संगठन के द्वारा वर्ष 2001 से प्रति वर्ष 1 जून को मनाया जा रहा है।
- वर्ष 2021 के विश्व दुग्ध दिवस की थीम ‘पर्यावरण, पोषण के साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता’है।
दूध में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व
- यह एक पौष्टिक आहार है। जिसमें प्रोटीन,विटामिन (ए, बी 2, डी, के), फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन, वसा (फैट) समेत बहुत से महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं।
- दूध के नियमित उपयोग से शरीर में कैल्शियम की पर्याप्त आपूर्ति होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- उच्च मात्रा में दूध में उपस्थित प्रोटीन बच्चों के शारीरिक विकास सहित बड़ी उम्र के लोगों की मांसपेशियों की मरम्मत करता है।
- दूध में विटामिन जहां शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं, वहीं वसा पर्याप्त मात्रा में शरीर को ऊर्जा उपलब्ध करवाती है।
भारत में दुग्ध क्रांति
- भारत में दुग्ध क्रांति के जनक डॉ वर्गीज़ कुरियन को माना जाता है। इन्होंने प्रतिष्ठित दुग्ध ब्रांड अमूल को स्थापित करने एवं सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- अमूल की सफलता से प्रभावित होकर तात्कालिक प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल मॉडल को देश के सभी भागों में फैलाने के लिए ‘राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड’ (एनडीडीबी) का गठन 1965 में किया और डॉ. कुरियन को इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।
- डॉ वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ शुरू किया गया, जिससे भारत में श्वेत क्रांति की शुरुआत हुई और भारत दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देशों में शामिल हो गया।
स्रोत – द हिन्दू