राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन (NSM)
राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन (NSM)
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में कहा कि, भारत बहुत ही तीव्र गति से राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के साथ उच्च शक्ति कंप्यूटिंग में अग्रणी बन कर उभर रहा है ।
मुख्य बिंदु:
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 25 मार्च, 2015 को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन को सम्पूर्ण देश में मंज़ूरी प्रदान की थी।
- इसे भारत में एक सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड बनाने के लिए और अनुसंधान क्षमताओं के विकास हेतु,एनएसएम को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के साथ लागू किया गया था ।
- इस मिशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जा रहा है।
- सुपरकंप्यूटिंग मिशन का सम्पूर्ण कार्यान्वयन होने के पश्चात भारत की गणना अमेरिका, जापान, चीन और यूरोपीय संघ जैसे सुपरकंप्यूटर से संपन्न देशों में की जाएगी।
- राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (IIS), बेंगलुरु द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- विदित हो कि सी-डैक (C-DAC) सभी सुपर कंप्यूटर्स को एक सामान्य ग्रिड से जोड़ने की योजना पर कार्य कर रहा है।
- यदि कंप्यूटर्स किसी सामान्य ग्रिड से जुड़ते हैं तो किसी भी संस्थान को सुपरकंप्यूटिंग पावर तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करेगा।
- इस तरह यह दुनिया की सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटिंग प्रणाली बनने में मदद करेगा।
- वर्तमान में भारत के पास लगभग 30 सुपर कंप्यूटर हैं जिनमें से अधिकांश उच्च संस्थानों, जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, आईआईटी और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं आदि में स्थापित किये गए हैं।
सुपरकंप्यूटर का उपयोग कहां होगा?
- पहले तीन सुपर कंप्यूटर आईआईटी बीएचयू, आईआईटी खड़गपुर और आईआईआईटीएम पुणे में स्थापित किये जाएंगे।आईआईटी बीएचयू को एक पेटा फ्लॉप सुपर कंप्यूटर मिलेगा।विदित हो किपरम शिवाय, जो भारत का पहला सुपर कंप्यूटर था, को IIT (BHU) में स्थापित किया गया था।
- इसके बाद IIT- खड़गपुर में परम शक्ति, IISER पुणे में परम ब्रह्मा,JNCASR बेंगलुरु में परम युक्ति और IIT कानपुर में परम संगणक को स्थापित किया गया है।
उपयोग:
- भारत में स्थापित यह सुपरकंप्यूटर सरकार की ई-प्रशासन नीति को मजबूत करेंगे।
- यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भी आम जनता तक पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- इनसे दवाओं के निर्माण, वैज्ञानिकों व शोध करने वाले संस्थानों के विकास ऊर्जा के स्रोत तलाशने व जलवायु परिवर्तन आदि क्षेत्रों में भी लाभ हासिल किया जाएगा।
स्रोत – द हिन्दू
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