प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) महामारी के दौरान अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में विफल रही है।
पहले के एक अध्ययन में यह पाया गया था कि अप्रैल 2020और जून 2021 के मध्य कोविङ-19 के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती केवल 14.25% लोगों को ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत सहायता प्रदान की गई थी।
कुछ हालियाअध्ययनों ने निम्नलिखित तथ्यों को रेखांकित किया है:
- अस्पतालों में प्रवेश के लिए नकदी भुगतान अब भीआवश्यक है, क्योंकि अस्पताल गहन चिकित्सा इकाईयों (ICU) के लिए PM-JAY को स्वीकृत नहीं करते हैं।
- मरीजों के उपचार के लिए योजना में सीमित अस्पताल हीसूचीबद्ध हैं।
- कई पात्र लाभार्थी अब भी इस योजना के लाभ सेवंचित हैं।
- PM-JAY, आयुष्मान भारत के तहत संचालित दो घटकों मेंसे एक है। आयुष्मान भारत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रारंभ की गई एक प्रमुख योजना है।
- आयुष्मान भारत का एक अन्य घटक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs) हैं। ये व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं। ये केंद्र लोगों को उनकेघरों के समीप ही स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराते हैं।
PM-JAY की मुख्य विशेषताएं
- देश में सूचीबद्ध किये गए सरकारी और निजी अस्पतालों में द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति परिवार 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करना।
- परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई प्रतिबंधनहीं है।
- इसमें 74 करोड़ से अधिक निर्धन और सुभेद्य पात्र परिवार शामिल हैं। लगभग 50 करोड़ लाभार्थीसामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना, 2011 के माध्यम से पहचाने गए हैं।
- सभी पूर्व-मौजूदा शर्तों को पहले दिन से ही लागू कर दिया जाता है। संपूर्ण देश में कहीं भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
स्रोत –द हिन्दू