पुरानी पेंशन योजना (OPS)
- हाल ही में पंजाब सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनर्बहाल करने की मंजूरी प्रदान कर दी है।
- इससे पहले, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य भी नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू कर चुके हैं।
OPS के बारे में
- इसके तहत केंद्र और राज्यों के सरकारी कर्मचारियों को अंतिम मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में देना निर्धारित किया गया था।
- इसके लिए कर्मचारियों को अपनी पेंशन में योगदान करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह योजना सेवानिवृत्त व्यक्ति को सुनिश्चित या ‘परिभाषित’ लाभ प्रदान करती है। इस कारण इसे ‘परिभाषित लाभ योजना’ भी कहा जाता है।
- इसके अलावा, सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को पेंशन भोगियों के मासिक भुगतान में भी शामिल किया जाता है।
OPS से जुड़े मुद्दे:
- इसके तहत पेंशन के लिए विशेष रूप से कोई कोष उपलब्ध नहीं है, जबकि पेंशन देनदारियां प्रति वर्ष बढ़ती जा रही हैं।
- नई पेंशन योजना को अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) कहा जाता है। इसे वर्ष 2004 में अधिसूचित किया गया था। इसका उद्देश्य पेंशन योजना में सुधार करना और इसे अधिक संधारणीय बनाना है।
- OPS के विपरीत, NPS में सरकारी कर्मचारी अपने वेतन के 10% की दर पर मासिक अंशदान करते हैं और समान दर पर सरकार भी अंशदान करती है।
- इसके बाद फंड को पेंशन निधि प्रबंधकों के माध्यम से 8 निर्धारित निवेश योजनाओं में निवेश किया जाता है।
- NPS को जनवरी 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार ( सशस्त्र बलों को छोड़कर) और केंद्रीय स्वायत्त निकायों की सेवा में भर्ती कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से लागू किया गया है।
- पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण, NPS के लिए विनियामक संस्था है।
स्रोत – द हिन्द