हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पांच स्थायी सदस्य देशों ने परमाणु युद्ध टालने का संकल्प लिया है ।
एक संयुक्त वक्तव्य में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी सदस्यों ने भविष्य में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने और परमाणु युद्ध को टालने का संकल्प लिया है। ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिकाUNSC के स्थायी सदस्य हैं।
इन देशों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अप्रसार, निरस्त्रीकरण एवं हथियार नियंत्रण समझौतों व प्रतिबद्धताओं के संरक्षण तथा अनुपालन के महत्व पर भी बल दिया है।
यह संयुक्त वक्तव्य परमाणु हथियार अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty: NPT) की पांच वर्षीय समीक्षासम्मेलन (अब स्थगित) से पहले आया है।NPT को वर्ष 1970 में लागू किया गया था।
इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- परमाणु हथियारों और हथियार प्रौद्योगिकी के प्रसार को बाधित करना,
- परमाणु ऊर्जा केशांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना,
- निरस्त्रीकरण केलक्ष्य को आगेबढ़ाना।
भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरियाNPT काहिस्सा नहीं हैं।
परमाणु प्रसार को बाधित करने और परमाणु निरस्त्रीकरण में प्रगति को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु अन्य बहुपक्षीय संधियाँ:
- आंशिक परीक्षण प्रतिबंध संधि (Partial Toot Ban Treaty-PTET)- वायुमंडल में, बाहरी अंतरिक्ष में और जल के भीतर परमाणु हथियार परीक्षण पर प्रतिबंध लगाती है। भारत ने इसकी पुष्टि कर दी है।
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty: CTET)- सभीपरमाणु हथियारों के परीक्षण विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाती है। इसे वर्ष 1996 में हस्ताक्षरित किया गया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।
- परमाणु हथियार निषेध संधि (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons: TPNW)में किसी भीपरमाणु हथियार गतिविधि में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। भारत TPNW का हिस्सा नहीं है।
स्रोत –द हिन्दू