दिव्यांग खेल केंद्र
हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने देश के विभिन्न हिस्सों में 5 ‘दिव्यांग खेल केंद्र’ स्थापित करने की घोषणा की है।
विदित हो कि देश में ‘दिव्यांगजनों’ की खेलों के प्रति रुचि और पैरालिंपिक में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए ‘दिव्यांग खेल केंद्र’ स्थापित करने से संबंधित निर्णय अत्यधिक सराहनीय है।
मुख्य बिंदु
- इस तरह के प्रयासों का प्राथमिक उद्देश्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना और उन्हें देश के समग्र विकास हेतु समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है।
- ‘दिव्यांग खेल केंद्रों के माध्यम से दिव्यांगजनों को खेलों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे पैरालिंपिक खेलों में भारत की स्थिति में और भी अधिक सुधार होगा।
- वर्तमान में दिव्यांगजनोंके सशक्तीकरण के लिये भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और पहलों की शुरुआत की गई है, जिसमें ‘सुगम्य भारत अभियान’ सबसे प्रमुख है।
- सुगम्य भारत अभियान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसके तहत वर्तमान में 709 रेलवे स्टेशनों और 10,175 बस डिपो को सम्मिलित किया गया है।
- इस अभियान का उद्देश्य देश भर में दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित और सुखद/मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाना है। इसके साथ ही, सरकार ने वर्ष 2016 में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को पारित किया, जिसने न केवल दिव्यांगजनों को अधिक सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि यह देश भर में विकलांग व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को भी सुनिश्चित करता है।
स्रोत – द हिन्दू