ह्वाइट टफ्टेड रॉयल तितली
हाल ही में कलियाड़ (केरल) में तितली की एक दुर्लभ प्रजाति देखा गया है । इससे पहले इस प्रजाति को अगस्त्यकूड़म और शेंदुरनी वन्यजीव अभयारण्य में देखा गया था।
- यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 2 के तहत संरक्षित है।
- लेपिडॉप्टेरा (Lepidoptera) कीटों का एक विशाल गण है। इसमें तितलियाँ और शलभ (moths) व पतंगों के अतिरिक्त बहुत कीट आते हैं।
- लेपिडोप्टेरा के जीवन चक्र में चार चरण होते हैं: अंडा, लार्वा (कैटरपिलर), प्यूपा (क्राइसालिस), और वयस्क (इमागो)। वयस्क तितलियों में बड़े और प्रायः चमकीले रंग के पंख मौजूद होते हैं।
- हाल ही में ‘गोल्डन बर्डविंग’ (ट्रोइड्स ऐकस) के रूप में प्रसिद्ध एक हिमालयी तितली को 88 वर्षों के बाद भारत की सबसे बड़ी तितली के रूप में खोजा गया है।
महत्त्व:
- समृद्ध जैवविविधता: किसी भी क्षेत्र में तितलियों की प्रचुरता समृद्ध जैवविविधता का प्रतिनिधित्त्व करती है।
- संकेतक प्रजाति: तितली एक संकेतक प्रजाति के रूप में कार्य करती है। (एक संकेतक प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र की समग्र स्थिति और उस पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रजातियों की जानकारी प्रदान करती है।) यह पर्यावरणीय परिस्थितियों के साथ-साथ सामुदायिक संरचना के पहलुओं में गुणवत्ता एवं परिवर्तनों को भी दर्शाती है।
- परागणक: यह परागण में मदद करके और पौधों की कई प्रजातियों के संरक्षण में परागकण के रूप में कार्य करती है।
शेंदुरनी वन्यजीव अभयारण्य–
- शेनदुरनी वन्यजीव अभयारण्य (Shendurney Wildlife Sanctuary) भारत के केरल राज्य के कोल्लम ज़िले में स्थित है। यह पश्चिमी घाट में है और अगसत्यमाला संरक्षित जैवमंडल का भाग है।
- इस वन्य अभयारण्य की स्थापना 25 अगस्त 1984 में हुई थी और यह 403 वर्ग किमी (66.565 वर्ग मील) पर विस्तारित है।
- इसका नाम यहाँ मिलने वाले चेंगुरिंजी नामक वृक्ष का विकृत रूप है। अभयारण्य में एक 69 वर्ग किमी की कृत्रिम झील है और यहाँ तेनमला बाँध का जलाश्य भी है।
स्रोत – द हिन्दू