ह्यूमन राइट्स वॉच द्वारा इजरायल पर ‘रंगभेदी’ आरोप
हाल ही में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ संस्था ने जानकारी दी है कि, इजरायल यहूदी वर्चस्वबनाए रखने के उद्देश्य से फिलिस्तीनियों और अपनी अरब आबादी पर ‘रंगभेदी’ मानसिकता के तहत अत्याचार कर रहा है।
संस्था ने बताया कि, इजरायल इस अत्याचार के तहत उनके आवागमन पर प्रतिबंध, भूमि पर कब्ज़ा करने, जबरन जनसंख्या-स्थानांतरण और इजरायल में निवास न करने सहित कई नागरिक अधिकारों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
ह्यूमन राइट्स वॉच’की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के मध्य के क्षेत्र पर एकमात्र इजरायल सरकार का नियंत्रण है।
इजरायल की प्रतिक्रिया:
- हालाँकि इजराइल सरकार द्वारा‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ के आरोपों का खंडन किया गया है। इसके पलटवार में इजराइल द्वारा इस संस्था पर काफी लम्बे समय से ‘इजराइल-विरोधी एजेंडा’ चलाने का आरोप भी लगाया गया है।
- विदित हो कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय(ICC) द्वाराइजराइल पर लगे कथित युद्ध अपराधों के आरोपों की जांच भी की जा रही है।
‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ (HRW)
- ह्यूमन राइट्स वॉचमानवाधिकारों की वकालत और उनसे संबंधित अनुसंधान करने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1978 में की गई थी।यह अमेरिका का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है | इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है। यह विश्व की मीडिया का ध्यान मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर ले जाता है।
- ह्यूमन राइट्स वॉचविभिन्न सरकारों, नीति निर्माताओं, कंपनियों और व्यक्तिगत तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों पर मानवाधिकारों का पालन और सम्मान करने के लिए दबाव डालता है, और ह्यूमन राइट्स वॉचअक्सर शरणार्थियों, बच्चों, प्रवासियों और राजनीतिक कैदियों के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करता है।
स्रोत : द हिन्दू