हिमालयी मोनाल और स्क्लेटर मोनाल
अरुणाचल प्रदेश के सियांग ज़िले में हाल ही में ‘मोनाल’ की दो नई प्रजातियाँ पाई गई हैं। इसमें पहली प्रजाति हिमालयी मोनाल अर्थात ‘लोफोफोरस इम्पेजेनस’ समुदाय की है, जो कि अफगानिस्तान से पूर्वोत्तर भारत तक अधिक व्यापक स्तर पर पाई जाती है।
मोनाल की दूसरी प्रजाति दुर्लभ स्क्लेटर मोनाल अर्थात ‘लोफोफोरस स्क्लेटेरी’ वर्ग की है, जो कि आम तौर पर दक्षिणी चीन और उत्तरी म्याँमार में पाई जाती है।
मुख्य तथ्य
- मोनाल एक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला विशिष्ट पक्षी है, यह पक्षी कभी- कभी ही अपनी 1,500 मीटर की ऊँचाई से नीचे आता है।
- पर्यावास की क्षति और शिकार के कारण ‘इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंज़र्वेशन ऑफ नेचर’ (IUCN) द्वारा इसे ‘सुभेद्य’ प्रजाति की श्रेणी में सूचीबद्ध किया है।
- इन दोनों प्रजातियों को खोजकर्त्ताओं की टीम ने समुद्र तल से 4,173 मीटर की ऊँचाई पर माउंट एको डंबिंग पर देखा है । इन दो प्रजातियों का यहाँ देखा जाना इस क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र के लिये एक अच्छा संकेतक है।
स्रोत : द हिन्दू