हिंद महासागर में लॉन्ग मार्च 5 बी वाई 2 रॉकेट का मलबा गिरा (Long March 5B Y2 rocket )
हिंद महासागर में मालदीव के निकट चीन के लॉन्ग मार्च 5 बी वाई 2 रॉकेट (Long March-5B Y2 rocket) के अंतिम चरण का मलबा गिरा है। हाल ही में, चीन ने इस राकेट से अपने निर्माणाधीन ‘अंतरिक्ष स्टेशन’ के कुछ घटक अंतरिक्ष में भेजे थे।
इन घटकों मेंचीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण हेतु पहले घटक ‘तियान्हे मॉड्यूल’ (Tianhe module) अर्थात ‘स्वार्गिक समरसता’ (Heavenly Harmony) को भेजा था। तियान्हे मॉड्यूल (Tianhe module) , चीन के स्पेस स्टेशन के प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
विदित हो कि चीन के अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण अगले साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। चीन के अन्तरिक्ष स्टेशन का नाम ‘तियांगॉन्ग’ (Tiangong) है।
तियांगॉन्ग (Tiangong), अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बाद दूसरा अंतरिक्ष स्टेशन होगा। इसका जीवन काल 10 से 15 वर्ष का होगा, अर्थात यह वर्ष 2037 तक कार्य कर सकता है।
संबंधित चिंताएं और मुद्दे:
- लॉन्ग मार्च-5 बीवाई2 रॉकेट का मालवा गिरना एक चिंताजनक स्थिति है, खगोलविदों के अनुसार इसी तरह से इससे पहले पृथ्वी के वायुमंडल में मालवा का पुनः प्रवेश (re-entry) अनियंत्रित रूप से 4 बार हो चुका है। यह चिंता का विषय है।
- यह राकेट यदि पृथ्वी के स्थल भाग पर गिरा होता तो इससे अत्यधिक नुकसान होता,अब इस बात को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं।
- इस घटना को देखते हुए ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (NASA) ने चीन की आलोचना की और उसे “ज़िम्मेदार मानकों को पूरा करने में विफल” देश बताया।
- कुछ खगोलविदों ने, इस मलबे के कुछ भाग के वायुमंडल जलने से मनुष्यों को हानि पहुंचने की भी संभावना व्यक्त की है।
आगे की राह
- अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले देशों (Spacefaring nations) को उड़ान से सम्बंधित सभी ज़िम्मेदार मानकों को पूरा करना चाहिए। इसके लिए अंतरिक्षीय पिंडो के पृथ्वी के वायुमंडल में में पुनः प्रवेश करने के दौरान पृथ्वी निवासियों को होने वाले नुकसान के खतरे को भी न्यूनतम करना चाहिए। साथ ही अपने द्वारा इस क्षेत्र में की गई कार्रवाइयों के बारे में अधिकतम पारदर्शिता लाई जानी चाहिए।
स्रोत – द हिन्दू