हिंद महासागर क्षेत्र वैश्विक वाणिज्य व भू-राजनीतिक स्थिरता हेतु सबसे महत्वपूर्ण
हाल ही में हुई हिंद महासागर वार्ता (IOD) वार्ता में कहा गया है कि, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) वैश्विक वाणिज्य व भू-राजनीतिक स्थिरता के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
हिंद महासागर वार्ता (IOD) के 8वें संस्करण की मेजबानी करते हुए, भारत ने इस क्षेत्र के महत्व और इसे सुरक्षित एवं संरक्षित रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) का महत्व
- विश्व के आधे कंटेनर जलयान और विश्व के दो-तिहाई तेल शिपमेंट इसी महासागर के समुद्री मार्गों से गुजरते हैं ।
- विश्व के कुछ सबसे महत्वपूर्ण चोक पॉइंट हैं- होर्मुज, मलक्का और बाब अल मंदेब जल संधियां। ये चोक पॉइंट वैश्विक व्यापार और ऊर्जा प्रवाह के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
- इसमें वैश्विक आबादी का लगभग 1/3, वैश्विक भूभागका 25% तथा वैश्विक तेल और गैस भंडार का लगभग 40% शामिल है।
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की दिशा में भारत की पहलें
- अपने अधिकांश छोटे पड़ोसियों जैसे मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका आदि के लिए प्राथमिक सुरक्षा प्रदाता।
- विजन “ SAGAR” (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास): इसका उद्देश्य भारत के भू-राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाना एवं बढ़ावा देना है।
- समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, आपदा जोखिम में कमीआदि पर ध्यान देने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI)
अन्य पहले : हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (समुद्री सहयोग में वृद्धि), एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर आदि।
स्रोत – द हिन्दू