इसरो ने हाइपरसोनिक व्हीकल का परीक्षण आयोजित किया
- हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (HQ IDS) के साथ ज्वाइंट हाइपरसोनिक व्हीकल (Joint hypersonic vehicle) का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है ।
- इस परीक्षण के दौरान व्हीकल ने उच्च क्षमता (High Quality) का प्रदर्शन किया और सभी जरूरी पैरामीटर भी हासिल कर लिए गए हैं।
हाइपरसोनिक वाहन के बारे में
- एक हाइपरसोनिक व्हीकल एक ऐसा व्हीकल है जो मैक 5 (ध्वनि की गति से पांच गुना तेज) से अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम है। यह एक हवाई जहाज, मिसाइल या अंतरिक्ष यान हो सकता है।
- चीन, भारत, रूस और अमेरिका जैसे देश हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं।
हाइपरसोनिक वाहनों को विकसित करने के लिए भारत के प्रयास
- भारतीय वैज्ञानिक इस समय रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहे हैं।
- इसके अलावा भारतीय वैज्ञानिक ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल’ (HSTDV) प्रोग्राम के तहत एक स्वदेशी, दोहरे-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास के भी काम कर रहे हैं,
- दोहरे-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल मिसाइल परमाणु और पारंपरिक हथियार दोनों को पहुंचाने में सक्षम हैं।
हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल–
- 2020 में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने ‘हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल’ (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle- HSTDV) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था ।
- इसमें ‘हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट’ (Hypersonic Air-breathing Scramjet) तकनीक का उपयोग किया गया है।
- यह विमान ध्वनि की गति से 6 गुना अर्थात् मैक-6 के वेग से अपने इच्छित उड़ान पथ पर यात्रा कर सकता है।
- HSTDV एक मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है जो हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ छोटे उपग्रहों को सस्ती कीमत पर पहुंचाने में सक्षम है।
- ट्रायल रन के दौरान यह 23 सेकंड के लिए मैक 6 की गति तक पहुंच गया।
स्रोत – द हिन्दू