हरियाणा में 1600 वर्ष प्राचीन स्थायी बस्ती के पुरातात्विक प्रमाण
हाल ही में हरियाणा से विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के मार्ग के किनारे एक 1600 वर्ष प्राचीन स्थायी बस्ती के पुरातात्विक प्रमाण प्राप्त हुए हैं ।
इस पुरातात्विक स्थल की खोज हरियाणा के संधाई गांव (यमुनानगर जिले) के निकट की गई है। इसका संबंध पौराणिक सरस्वती नदी के समीप की विलुप्त हो चुकी बस्तियों से है।
पौराणिक नदी सरस्वती प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णित है। इस नदी के बारे में माना जाता है कि यह नदी 5,000 वर्ष पूर्व अस्तित्व में थी, लेकिन भूकंप और अन्य भौगोलिक गतिविधियों के कारण भूमिगत रूप से विलुप्त हो गई।
मुख्य निष्कर्ष
अधिवास के साक्ष्यः ईंटें, मिट्टी के बर्तन और मूर्ति के अवशेष।
धार्मिक साक्ष्यः नागर शैली में निर्मित पाषाण के मंदिर, संरचना के आधार से संबंधित निर्माण सामग्री के अतिरिक्त एक स्तंभ पर उत्कीर्णित शास्त्रीय प्रमाण आदि।
समयावधि: इस क्षेत्र से श्री-हा (Sri-ha) प्रकार के हिंद-ससानी सिक्के प्राप्त हुए हैं, जो इस क्षेत्र में 7वीं शताब्दी में प्रचलित थे।
यहां पाई गई कलाकृतियां गुप्तोत्तर काल से लेकर गुर्जर-प्रतिहार काल (8वीं-9वीं शताब्दी ईस्वी) की कलाकृतियों की तरह दिखती हैं।
इस स्थल की कालावधि कुषाण काल से गुर्जर-प्रतिहार कालके बीच की हो सकती है। हालांकि, कुछ ईंटें स्पष्ट तौर पर कुषाण काल की हैं।
इस स्थल की वास्तविक कालावधि की जानकारी यहाँ से वनस्पतियों को हटाने के बाद ही मिलेगी, क्योंकि वर्तमान में यह एक वन-क्षेत्र में अवस्थित है।
स्रोत – द हिन्दू