हक्कीपिक्की जनजाति : कर्नाटक

हक्कीपिक्की जनजाति : कर्नाटक

हाल ही में यह देखा गया कि कर्नाटक में हक्कीपिक्की जनजाति के कुछ लोग कोविड-19 के प्रकोप से बच गए। जिस वजह से यह जनजाति चर्चा का विषय बन गई है।

हक्किपिक्की जनजाति के बारे में:

  • हकीपिक्की जनजाति अर्ध-खानाबदोश आदिवासी लोग हैं ,इस जनजाति के निम्न- गुजराती, कालीवाला, मेवाड़ा और पंवाड़ा चार राजवंश हैं।
  • ये बहुत सी दक्षिण भारतीय भाषाएं बोलते हैं, जैसे कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मलयालम के साथ-साथ वागरीबूली को भी बोल लेते हैं, जो गुजराती के समान होती है।
  • यह कर्नाटक की अनुसूचित जनजाति है। ‘हक्कीपिक्की’ का अर्थ है कन्नड़ भाषा में “पक्षी पकड़ने वाला” होता है ।

उत्पत्ति और इतिहास:

  • हकीपिक्की आदिवासी समुदायों का समृद्ध इतिहास रहा है। उनके महाराणा प्रताप सिंह के साथ पैतृक संबंध होने का दावा भी किया जाता है।
  • हक्किपिक्की एक क्षत्रिय या योद्धा आदिवासी समुदाय है, जिसे मुगलों द्वारा पराजित होने के बाद दक्षिण भारत में पलायन करना पड़ा।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course