नीति आयोग का वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक 2020-21

नीति आयोग का वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक 2020-21

केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना वर्ष 2020-21 के कोविड काल के लिये नीति आयोग के वार्षिक ‘स्वास्थ्य सूचकांक’ में ‘बड़े राज्यों’ के बीच शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता के रूप में उभरे हैं।

सूचकांक की प्रमुख विशेषताएँ:

  • समग्र प्रदर्शन के आधार पर बड़े राज्य: 19 ‘बड़े राज्यों’ में केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना ने समग्र प्रदर्शन के मामले में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है। बिहार (19वाँ), उत्तर प्रदेश (18वां) और मध्य प्रदेश (17वां) सूची में अंतिम स्थान पर हैं।
  • छोटे राज्य: आठ छोटे राज्यों में त्रिपुरा ने सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रदर्शन दर्ज किया है, इसके बाद सिक्किम और गोवा का स्थान है; अरुणाचल प्रदेश (6वाँ), नगालैंड (7वाँ) और मणिपुर (8वाँ) सूची में अंतिम स्थान पर हैं।
  • केंद्रशासित प्रदेश: आठ केंद्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप को समग्र प्रदर्शन के मामले में शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता के रूप में स्थान दिया गया है, जबकि दिल्ली को सबसे अंतिम स्थान प्राप्त हुआ है।
  • वृद्धिशील प्रदर्शन के आधार पर: राजस्थान, उत्तराखंड और ओडिशा वर्ष 2019-20 में अपने प्रदर्शन की तुलना में वर्ष 2020-21 में शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्त्ताओं के रूप में उभरे हैं।

नीति आयोग का वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक

वर्ष 2017 में नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) तथा विश्व बैंक के सहयोग से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में समग्र प्रदर्शन एवं वृद्धिशील प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिये एक वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक प्रारंभ किया।

  • उद्देश्य: वार्षिक स्वास्थ्य सूचकांक का उद्देश्य स्वास्थ्य परिणामों और स्वास्थ्य प्रणालियों के प्रदर्शन पर प्रगति को ट्रैक करना और रैंक प्रदान करना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा विकसित करना एवं राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मध्य क्रॉस लर्निंग को प्रोत्साहित करना है।
  • मापदंड: स्वास्थ्य सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का दो मापदंडों पर आकलन करता है- वृद्धिशील प्रदर्शन (वर्ष-दर-वर्ष प्रगति) और समग्र प्रदर्शन।
  • श्रेणी: रैंकिंग तीन श्रेणियों के तहत की जाती है: समान संस्थाओं के बीच तुलना सुनिश्चित करने के लिये विशाल राज्य, छोटे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश।

संरचना:

  • स्वास्थ्य सूचकांक एक समग्र स्कोर है जो तीन क्षेत्रों में 24 संकेतकों पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की उपलब्धियों एवं वृद्धिशील सुधारों को दर्शाता है: स्वास्थ्य परिणाम, शासन व सूचना तथा प्रमुख इनपुट और प्रक्रियाएँ।
  • परिणाम संकेतकों के लिये उच्च स्कोर के साथ प्रत्येक क्षेत्र को उसकी वरीयता के आधार पर महत्त्व दिया गया है।
  • ‘स्वास्थ्य परिणामों’ में नवजात मृत्यु दर, कुल प्रजनन दर, जन्म के समय लिंग अनुपात, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव का अनुपात, तपेदिक के कुल मामलों की अधिसूचना दर और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी पर HIV के साथ रहने वाले लोगों के अनुपात जैसे संकेतक शामिल हैं।
  • ‘शासन और सूचना’ क्षेत्र में संस्थागत वितरण का अनुपात, राज्य स्तर पर तीन प्रमुख पदों की औसत अवधि (महीनों में), मुख्य चिकित्सा अधिकारी की औसत अवधि (महीनों में) और निधि स्थानांतरण में लगने वाले दिन जैसे संकेतक शामिल हैं।
  • ‘प्रमुख इनपुट/प्रक्रियाएँ’ उपलब्ध स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे का एक उपाय है, जिसमें कार्यात्मक 24X7 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, कार्यात्मक हृदय संबंधी देखभाल इकाइयों वाले ज़िलों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता पदों में रिक्तियों का अनुपात शामिल है।

स्रोत – नीति आयोग

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