स्वास्थ्य मंत्री द्वारा देश में टीबी के विरुद्ध संघर्ष में प्रगति की समीक्षा
हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा देश में टीबी के विरुद्ध संघर्ष में प्रगति की समीक्षा की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने क्षय रोग (टीबी) के विरुद्ध जन आंदोलन की समीक्षा करने के लिए सभी राज्यों के साथ आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता किया । यह अभियान समर्थन, संचार और सामाजिक एकजुटता (Advocacy, Communication and Social Mobilization: ACSM) पर आधारित है।
टीबी कार्यक्रम के साथ कार्य करने वाले सभी राज्यों तथा संघ राज्यक्षेत्रों ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन करने के लक्ष्य का समर्थन करने की योजना निर्मित की है। ज्ञातव्य है कि यह सतत विकास लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 के लक्ष्य सेपांच वर्ष पूर्व की प्रतिबद्धता है।
टीबी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है, जो प्रायः फेफड़ों को सर्वाधिक प्रभावित करता है।
यह एक संक्रामक रोग है, जो वायु के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित होता है। यह शरीर के अन्य अंगों जैसेकिडनी, मेरुदंड और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।
वर्ष 2019 में, टीबी के कुल नए मामलों में से 87% मामले उन 30 देशों से थे, जो टीबी से सर्वाधिक रूप से प्रभावित हैं। टीबी के कुल नए मामलों में से दो-तिहाई मामलों के लिए भारत सहित आठ देश उत्तरदायी हैं।
यह रोग साध्य तथा निवारण योग्य है। आइसोनियाजिड, रिफैम्पिन, एथेमब्युटोल और पायराजीनामाईडटीबी के उपचार के लिए स्वीकृत 4 रोगाणुरोधी दवाएं हैं।
भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई पहलें:
- संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (Revised National Tuberculosis Control Programme: RNTCP) का नाम परिवर्तित कर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम National Tuberculosis Elimination Programme: NTEP) कर दिया गया है।
- ई-निक्षय प्लेटफॉर्मः यह टीबी नियंत्रण के लिए वेब-सक्षम रोगी प्रबंधन प्रणाली है।
- टीबी रोगियों को उनके उपचार हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए निक्षय पोषण योजना आरंभ की गई है। टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान संचालित किया जा रहा है।
सोत – पी आई बी