स्वाति रडार, लिंक्स-यू2 (Lynx-U2 System)
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलोर के साथ भारतीय नौसेना के लिए 13 लिंक्स-यू 2 (Lynx-U2 System) फायर कंट्रोल सिस्टम की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस अनुबंध की कुल लागत 1,700 करोड़ रुपये से अधिक है।
लिंक्स-U2 सिस्टम एक नेवल गन फायर कंट्रोल सिस्टम है जिसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
यह समुद्री अव्यवस्था के साथ-साथ हवा / सतह के लक्ष्यों को सटीक रूप से ट्रैक करने और लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली
रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को और बढ़ावा देते हुए, रक्षा मंत्रालय ने 30 मार्च, 2023 को भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली और अस्त्रों का पता लगाने वाले 12 स्वाति/Swathi रडारों (मैदानी) की खरीद के लिए 9,100 करोड़ रुपये से अधिक अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए।
उन्नत आकाश अस्त्र प्रणाली (AWS) एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SRSAM) की वायु प्रतिरक्षा प्रणाली, जिसे डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
WLR स्वाति
हथियारों का पता लगाने वाले रडार स्वाति (मैदानी) के लिए अनुबंध पर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL) के साथ 990 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
यह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया ऐसा वेपन लोकेटिंग रडार (WLR) है जो हमारी सेनाओं पर गोलाबारी कर रही तोपों, मोर्टारों और रॉकेटों की सटीक स्थिति का पता लगाने की क्षमता के साथ ही स्वयम के गोलाबारी संसाधनों द्वारा प्रत्युत्तर में आक्रमण करके उन्हें नष्ट करने की सुविधा से लैस है।
नेक्स्ट जेनरेशन मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी
ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) के साथ नेक्स्ट जेनरेशन मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी (लॉन्ग रेंज) {NGMMCB (एलआर)} और ब्रह्मोस मिसाइलों की 1,700 करोड़ रुपये की अधिक की अनुमानित लागत की खरीद के लिए खरीद (भारतीय) श्रेणी के तहत एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
BAPL भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है जो नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
समुद्रगामी गश्ती युद्धपोत
अगली पीढ़ी के 11 समुद्रगामी गश्ती युद्धपोतों (Next Generation Offshore Patrol Vessels) के अधिग्रहण के लिए होने वाली खरीद कुल 9,781 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय-IDDM श्रेणी के तहत निर्माण हेतु की जा रही है।
इस अनुबंध पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।
मिसाइल वाहक जहाज (NGMV)
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के साथ 9,805 करोड़ रुपये की लागत से अगली पीढ़ी के 6 मिसाइल वाहक जहाजों (NGMV) के अधिग्रहण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इन युद्धपोतों को मार्च 2027 से भारतीय नौसेना को सौंपना शुरू कर दिया जाएगा। ये अगली पीढ़ी के मिसाइल वाहक जहाज रडार से बचने में सक्षम, तेज गति वाले और काफी आक्रामक क्षमता के साथ भारी हथियारों से लैस पोत होंगे।
मोटे तौर पर इन जहाजों की प्राथमिक भूमिका दुश्मन के युद्धपोतों, अवैध व्यापारी जहाजों और सतही ठिकानों के खिलाफ अपनी रक्षात्मक आक्रामक क्षमता प्रदर्शित करना होगी।
स्रोत – पी.आई.बी.