स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0)
हाल ही में पर्यटन मंत्रालय ने संधारणीय अवसंरचना निर्माण के लिए स्वदेश दर्शन योजना में संशोधन किया है।
पर्यटन मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (SD2.0) के रूप में नया स्वरूप प्रदान किया है। SD2.0 एक समग्र मिशन के रूप में भारत में संधारणीय और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करेगा।
- स्वदेश दर्शन योजना वर्ष 2014 में एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू की गई थी। यह योजना थीम आधारित पर्यटन सर्किट (बौद्ध सर्किट, कोस्टल सर्किट आदि) के एकीकृत विकास के लिए शुरू की गयी थी।
- इस योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय पर्यटन सर्किट की अवसंरचना के विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता
- स्वदेश दर्शन योजना और स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसी अन्य योजनाओं के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में रोजगार पैदा करना, और इसे आर्थिक विकास के एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थापित करना स्वदेश दर्शन योजना के अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं।
स्वदेश दर्शन 2.0 की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- पर्यटन के सामान्य और थीम-आधारित विकास के लिए मानदंडों एवं मानकों का विकास करना।
- इसके अंतर्गत प्रमुख थीम हैं: संस्कृति और विरासत आधारित पर्यटन, साहसिक गतिविधि आधारित पर्यटन आदि।
- पर्यावरणीय, सामाजिक-सांस्कृतिक तथा आर्थिक संधारणीयता सहित सतत पर्यटन के सिद्धांतों को अपनाना।
- घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टियर-2 और टियर-3 गंतव्यों का विकास करना।
- राज्य सरकार स्वदेश दर्शन 0 के तहत परियोजनाओं के लिए कार्यान्वयन एजेंसी को नामित करेगी। साथ ही, इस संबंध में पर्यटन मंत्रालय को सूचित करेगी।
- स्वदेश दर्शन 0 केंद्र द्वारा 100% वित्त पोषित योजना है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही निधियां स्वीकृत की जाएंगी और कार्यान्वयन एजेंसी को जारी की जाएंगी।
भारत में पर्यटन क्षेत्रक:
वर्ष 2020 में, इसने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 121.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया था। साथ ही, इसने 39 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा किए थे।
पर्यटन क्षेत्र में निम्नलिखित अन्य पहलों की भी शुरुआत की गई हैं: नमस्ते भारत,अतुल्य भारत, तथा तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक व विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद/PRASAD) आदि।
स्रोत –द हिन्दू