हाल ही में प्रधान मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी (SBM-U) 2.0 का शुभारंभ किया है ।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी SBM-U 2.0 (वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26) का लक्ष्य SBM के दौरान प्राप्त किए गए स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से अर्जित परिणामों को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना है। साथ ही, शहरी भारत को स्वच्छता के अगले स्तर पर ले जाने के लिए इसी उत्साह के साथ गति को बनाए रखना है।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी SBM-U 2.0 के तहत प्रमुख घटक:
ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में प्रवासित आबादी की सेवा के लिए निम्नलिखित के माध्यम से उनकी स्वच्छता सुविधाओं तक पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करना –
- 5 लाख से अधिक व्यक्तिगत, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करना।
- 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में पूर्ण तरल अपशिष्ट प्रबंधन (प्रस्तुत किया गया नया घटक) सुनिश्चित करना।
- स्थायी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत स्रोत पृथक्करण पर अधिक बल दिया जाएगा।
- एकल उपयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही, सामग्री रिकवरी सुविधा केंद्रों और अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना की जाएगी।
- भवन निर्माण और ध्वंस संबंधी अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शहरों और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में यांत्रिक सफाई कर्मचारी नियोजित किए जाएंगे।
- सभी पुरानी डंप साइट्स (खंतियों/कूड़े का विशाल ढेर) का उपचार किया जाएगा।
स्वच्छता और अनौपचारिक अपशिष्ट श्रमिकों का कल्याण: व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण व सुरक्षा किट प्रदायगी,सरकारी कल्याण योजनाओं के साथ संबद्धता, क्षमता निर्माण आदि।
स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के बारे में
मिशन के अग्रलिखित उद्देश्य थेः सभी सांविधिक शहरों में खुले में शौच करने की प्रथा का उन्मूलन; सभी सांविधिक कस्बों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का शत प्रतिशत वैज्ञानिक प्रबंधन तथा जन आंदोलन के माध्यम से व्यापक व्यवहार परिवर्तन करना।
स्रोत – पी आई बी