स्टैंड अप इंडिया योजना

स्टैंड अप इंडिया योजना

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने और महिला सशक्तीकरण सुनिश्चित करने में स्टैंड-अप इंडिया पहल की भूमिका की सराहना की है।

आर्थिक सशक्तीकरण और रोज़गार सृजन को केंद्र में रखते हुए ज़मीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये 5 अप्रैल 2016 को वित्त मंत्रालय द्वारा स्टैंड अप इंडिया योजना शुरू की गई थी।

इस योजना को वर्ष 2025 तक के लिये बढ़ा दिया गया है।

उद्देश्य :

  • महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना
  • विनिर्माण, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र एवं कृषि से संबद्ध गतिविधियों में ग्रीनफील्ड उद्यमों हेतु ऋण प्रदान करना।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रति बैंक शाखा में कम-से-कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्त्ता एवं कम-से-कम एक महिला उधारकर्त्ता को रु. 10 लाख से रु. 100 लाख के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना।

बैंक ऋण की सुविधा:

इस योजना का उद्देश्य सभी बैंक शाखाओं को ऋण प्रदान करने हेतु प्रोत्साहित करना है।

इच्छुक आवेदक योजना के तहत निम्नलिखित माध्यम से आवेदन कर सकते हैं:

  • सीधे शाखा में या,
  • स्टैंड अप इंडिया पोर्टल (standupmitra.in) के माध्यम से या,
  • अग्रणी ज़िला प्रबंधक (LDM) के माध्यम से।

ऋण के लिये पात्रता:

  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी, जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है।
  • योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिये उपलब्ध हैं। इस संदर्भ में ग्रीन फील्ड, निर्माण, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र और कृषि संबंधी गतिविधियों के लाभार्थियों का उपक्रम है।
  • गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी या तो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिये।
  • ऋणकर्त्ता किसी भी बैंक/वित्तीय संस्थान का डिफाल्टर नहीं होना चाहिये।
  • इस योजना में ‘15% तक’ सीमा राशि की परिकल्पना की गई है जो केंद्रीय/राज्य योजनाओं के साथ अभिसरण में प्रदान की जा सकती है।
  • किसी भी स्थिति में, ऋणकर्त्ता को परियोजना लागत का कम-से-कम 10% अपने योगदान के रूप में भुगतान करना होगा।

उपलब्धियाँ:

  • स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत पिछले 7 वर्षों में 180,636 खातों में 40,710 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
  • इस योजना के तहत 80% से अधिक ऋण महिलाओं को प्रदान किये गए हैं।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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