स्टेम सेल प्रत्यारोपण (SCT) से HIV का इलाज संभव
हाल ही में स्टेम सेल प्रत्यारोपण (SCT) के बाद HIV से संक्रमित एक और मरीज ठीक हुआ है।
उल्लेखनीय है कि इसी के साथ SCT से अब तक तीन मरीज ठीक हो चुके हैं। इस उपलब्धि को अस्थि – मज्जा (bone-marrow) प्रत्यारोपण के साथ हासिल किया गया है। अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण को SCT भी कहा जाता है।
इसे विशेष HIV – प्रतिरोधी आनुवंशिक उत्परिवर्तन से युक्त व्यक्ति से प्रत्यारोपित किया गया था। इस उत्परिवर्तन को CCR5 – डेल्टा 32 आनुवंशिक उत्परिवर्तन कहा जाता है ।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत पर्याप्त स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं करने वाले अस्थि मज्जा को हटाने के लिए स्वस्थ रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं को शरीर में प्रवेश कराया जाता है।
अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण में व्यक्ति के स्वयं के शरीर (ऑटोलोगस ट्रांसप्लांट) या दानकर्ता (एलोजेनिक ट्रांसप्लांट) से प्राप्त कोशिकाओं का उपयोग किया जाता है ।
HIV (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) मुख्य रूप से मानव शरीर की CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर हमला करता है।
इससे व्यक्ति के शरीर की कुछ संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाएं श्वेत रक्त कोशिकाओं का ही एक प्रकार हैं।
CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सतह पर CCR5 रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं। ये रिसेप्टर्स HIV वायरस के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करते हैं।
हालांकि, CCR5 डेल्टा 32 उत्परिवर्तन HIV वायरस द्वारा उपयोग किए जाने वाले इन रिसेप्टर्स को सतह पर बनने से रोकता है। इस तरह यह वायरस के लिए प्रवेश द्वार को ही बंद कर देता है ।
स्टेम कोशिकाओं के बारे में
- स्टेम सेल्स विशेष मानव कोशिकाएं होती हैं। ये कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं।
- स्टेम सेल्स नई कोशिकाओं का निर्माण करती हैं तथा क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुकी कोशिकाओं को हटाती हैं।
- कोशिका के प्रकार / ऊतकों की उत्पत्ति के आधार पर स्टेम सेल्स को निम्नलिखित में वर्गीकृत किया गया है-
सोमैटिक स्टेम कोशिकाएं, इन्हें वयस्क स्टेम सेल्स भी कहा जाता है, और एम्ब्रियोनिक (भ्रूणीय) स्टेम कोशिका ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस