सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए SEBI की मंजूरी
हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए SEBI की मंजूरी मिली है।
- सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) एक विनियमित फंडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। यहां लाभ अर्जक सामाजिक उद्यम (FPEs) और गैर-लाभ अर्जक संगठन (NPO) सामाजिक उद्देश्यों से धन जुटा सकते हैं।
- वर्तमान में, सामाजिक क्षेत्र से जुड़े संगठन (FPEs और NPO) कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR), इंपैक्ट इन्वेस्टिंग, परोपकारी / सरकारी अनुदान आदि के माध्यम से धन जुटाते हैं ।
विश्व के कुछ प्रमुख सोशल स्टॉक एक्सचेंज –
- यूनाइटेड किंगडम का सोशल स्टॉक एक्सचेंज, कनाडा का सोशल वेंचर कनेक्शन, सिंगापुर का इम्पैक्ट इन्वेस्टमेंट एक्सचेंज आदि ।
- भारत में SSE का विचार केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2019-20 के बजट भाषण में पेश किया था ।
- बाद में, सरकार ने प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 के तहत एक नई प्रतिभूति ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल (ZCZP) घोषित करते हुए एक अधिसूचना जारी की।
- ZCZP को गैर-लाभकारी संगठन सार्वजनिक या निजी तौर पर जारी कर सकते हैं । इसे जारी करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सोशल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण करवाना आवश्यक है ।
- इससे पहले जुलाई 2022 में SEBI ने भी सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए नियम अधिसूचित किए थे।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लाभ
- इक्विटी के जरिए सामाजिक हित में लोगों की भागीदारी को संभव बनाता है ।
- वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराता है।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी का लाभ उठाता है। इस तरह विकास से जुड़े लक्ष्यों की प्राप्ति में सरकारी प्रयासों के सम्पूरक की भूमिका निभाता है।
- यह सामाजिक उद्यमों एवं इंपैक्ट निवेशकों को एक साझे मंच पर लाता है।
- मानक रिपोर्टिंग के माध्यम से धन जुटाने के साथ-साथ संचालन और वित्तीय जानकारी को भी सार्वजनिक करता है ।
स्रोत – द हिन्दू