सेतु बंधन योजना
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा निधि (सीआरआईएफ) के तहत अरुणाचल प्रदेश में सात पुल परियोजनाओं के लिए सेतु बंधन योजना को मंजूरी देने की घोषणा की गई।
उद्देश्य:
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। ये परियोजनाएं जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने और अरुणाचल प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं।
सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के बारे में मुख्य तथ्य:
- 50 करोड़ रुपये की संयुक्त लागत वाली ये परियोजनाएं वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कार्यान्वयन के लिए निर्धारित हैं।
- सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (पहले सेंट्रल रोड फंड के नाम से जाना जाता था) की स्थापना 2000 में सेंट्रल रोड फंड एक्ट, 2000 के तहत की गई थी।
- इस फंड में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क के साथ लगाया गया उपकर शामिल है।
- सीआरआईएफ का प्रशासनिक नियंत्रण वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- पहले यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन था।
केंद्रीय सड़क कोष अधिनियम (संशोधन), 2018 में प्रावधान:
- केंद्रीय सड़क कोष अधिनियम (संशोधन), 2018 के बाद केंद्रीय सड़क कोष का नाम बदलकर केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा कोष (Central Road and Infrastructure Fund- CRIF) कर दिया गया है।
- इस संशोधन के बाद जलमार्ग, रेलवे बुनियादी ढाँचे के कुछ हिस्से और शैक्षणिक संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों आदि सहित सामाजिक बुनियादी ढाँचे व अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिये CRIF के तहत सड़क उपकर की आय का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की गई।
सेतु बंधन योजना के संदर्भ में:
- “सेतु बंधन योजना” कार्यक्रम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य की सड़कों पर रेल ओवर ब्रिज (ROBs), रेल अंडर ब्रिज (RUBs) और अन्य पुलों के निर्माण कार्य को सुविधाजनक बनाना है।
- यह कार्यक्रम मौजूदा क्रासिंग/समपारों के स्थान पर पुलों का निर्माण कर सड़क सुरक्षा में वृद्धि करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिससे अंततः इन स्थानों पर दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
स्रोत – पीआईबी