सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ मनाई गई
भारतीय राष्ट्रपति को सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ़ द चेन ऑफ़ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया है।
- साथ ही, भारत ने सूरीनाम में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के लिए ओसीआई कार्ड के पात्रता मानदंड का भी विस्तार किया है। वहां रहने वाले भारतीय प्रवासियों की पात्रता मानदंड को चौथी पीढ़ी से बढ़ाकर छठी पीढ़ी करने का निर्णय लिया गया है।
सूरीनाम में भारतीय समुदाय
- 5 जून 1873 को भारतीयों का पहला दल लल्ला रूख नामक जहाज पर सवार होकर सूरीनाम के समुद्री तट पर पहुंचा था ।
- भारतीय-सूरीनामी इस देश का सबसे बड़ा नृजातीय समुदाय है। यहां की कुल आबादी में इनकी 27.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- 1873-1916 की अवधि में 34,000 से अधिक भारतीय, बागानों में काम करने के लिए अनुबंधित मजदूरों के रूप में ब्रिटिश भारत से सूरीनाम लाए गए थे।
- 19वीं शताब्दी में गंगा के मैदानी इलाकों में पड़े भयंकर अकाल ने चरम गरीबी को जन्म दिया। अतः गरीबी और अभाव के कारण भारतीय मजदूर पलायन के लिए विवश हो गए।
- सूरीनाम में इन श्रमिकों के वंशज मुख्य रूप से सरनामी हिंदुस्तानी भाषा बोलते हैं। यह अवधी और भोजपुरी के मिश्रण से उत्पन्न हुई भाषा है । यह सूरीनाम में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- सूरीनाम को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1976 में भारत और सूरीनाम ने अपने संबंधों की शुरुआत की थी ।
सूरीनाम
- सूरीनाम की राजधानी पेरामारिबो है ,यह दक्षिण अमेरिका के पूर्वोत्तर तट पर स्थित है।
- पड़ोसी देशः यह पूर्व में फ्रेंच गुयाना, दक्षिण में ब्राजील और पश्चिम में गुयाना से घिरा हुआ है ।
- भौगोलिक विशेषताएं: अधिकतर पर्वतीय क्षेत्र व दलदली क्षेत्रों के साथ संकीर्ण तटीय मैदान ।
- प्रमुख नदियां: कोमेवाइन नदी, कोपेनेम नदी, कोरेंटिन नदी, मारोवाइन (मोरोनी) नदी आदि ।
- सर्वोच्च शिखर; जूलियाना टॉप ।
स्रोत – द हिन्दू