सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन के प्रारूप
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन के प्रारूप पर नए सिरे से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं ।
सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य न्यायालयों के अलावा, शिकायत निवारण के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करना है। साथ ही, भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा भी करनी है।
यह उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सतर्कता, गोपनीयता और पारदर्शिता की उचित अपेक्षा के साथ सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।
Meity ने वर्ष 2021 में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (IT नियम, 2021) को अधिसूचित किया है।
प्रस्तावित प्रमुख संशोधन
- शिकायत अपीलीय समिति की स्थापनाः यह उपयोगकर्ताओं को मध्यवर्तियों (सोशल मीडिया कंपनियों का कानूनी वर्गीकरण) की शिकायत निवारण प्रक्रिया के खिलाफ अपील करने का विकल्प प्रदान करेगी। वर्तमान में मध्यवर्तियों द्वारा कोई अपीलीय तंत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके अतिरिक्त, न ही कोई विश्वसनीय स्व-विनियामक तंत्र मौजूद है।
- यदि कंपनियां दस प्रकार के उल्लंघनों में से किसी एक में शामिल हैं, तो शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए 72 घंटे की समय सीमा होगी।
- इन उल्लंघनों में कॉपीराइट उल्लंघन, मानहानि करने वाले कंटेंट का प्रसार और झूठी जानकारी देना आदि शामिल हैं।
- नए नियम जोड़े गए हैं, इनमें मध्यवर्तियों को भारत के संविधान के तहत उपयोगकर्ताओं को प्रदान किए गए अधिकारों का सम्मान करना शामिल है। सरकार ने कई मध्यवर्तियों को भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए पाया है।
IT नियम, 2021 के बारे में,
ये नियम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत जारी किए गए हैं। सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया और ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्स से संबंधित इन नियमों का उद्देश्य निम्नलिखित को सुनिश्चित करना है:
- सभी भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट ।
- विशेष रूप से बिग टेक प्लेटफॉर्म के भीतर मध्यवर्तियों की अपने उपयोगकर्ताओं के लिए जवाबदेही।
स्रोत –द हिन्दू