भारत में सूचना आयोगों (IC) के प्रदर्शन, 2021-22 पर रिपोर्ट जारी

भारत में सूचना आयोगों (IC) के प्रदर्शन, 2021-22 पर रिपोर्ट जारी

हाल ही में सतर्क नागरिक संगठन (SNS) ने ‘भारत में सूचना आयोगों (IC) के प्रदर्शन, 2021-22’ पर रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • लंबित शिकायतें: लगभग 15 लाख शिकायतें या अपील सूचना आयोगों के पास लंबित हैं।
  • नियुक्ति में देरी: केंद्र और राज्यों द्वारा सूचना आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्ति में देरी आयोगों में बढ़ते कार्यभार का प्राथमिक कारण है।
  • सूचना आयोगों में रिक्तियां: झारखंड और त्रिपुरा में सूचना आयुक्त सहित आयोग के सभी पद खाली हैं।
  • अपील/शिकायत के निपटारे के लिए आवश्यक समय: किसी शिकायत के निपटान में जहां केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को 11 महीने लगते हैं, वहीं कई राज्य सूचना आयोगों (SICs) को 2 वर्षों से अधिक का समय लग जाता है।
  • दंड देने में अनिच्छुक: सूचना आयोगों ने 95% मामलों में दोषी अधिकारियों पर जुर्माना नहीं लगाया है।
  • कामकाज में अपारदर्शिता: 69% सूचना आयोगों ने वर्ष 2020-21 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।
  • लिंगानुपात: केवल 5% पदों पर ही महिलाएं नियुक्त हैं।

सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 नागरिकों को लोक प्राधिकरणों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार देता है।

यदि मांगी गई सूचना देने से मना कर दिया जाता है, तो RTI आवेदक, लोक सूचना अधिकारियों (PIOs) के निर्णय के खिलाफ अपील दायर कर सकता है।

लोक सूचना अधिकारी, सभी प्रशासनिक कार्यालयों में लोक प्राधिकरणों द्वारा नामित अधिकारी हैं। इन्हें RTI अधिनियम के तहत सूचना प्रदान करने के लिए नियुक्त किया जाता है

केंद्रीय सूचना आयोग (CIC)

  • CIC की स्थापना सूचना का अधिकार अधिनियम (2005) के प्रावधानों के तहत वर्ष 2005 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। यह संवैधानिक निकाय नहीं है।
  • इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त होता है और दस से अधिक सूचना आयुक्त नहीं हो सकते हैं।
  • उन्हें राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
  • आयोग का अधिकार क्षेत्र सभी केंद्रीय लोक प्राधिकरणों तक है।
  • मुख्य सूचना आयुक्त और एक सूचना आयुक्त केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अवधि या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) पद पर रह सकता है। वे पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं हैं।

राज्य सूचना आयोग:

इसका गठन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इसमें एक राज्य मुख्य सूचना आयुक्त (State Chief Information Commissioner- SCIC) तथा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली नियुक्ति समिति की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा नियुक्त किये जाने वाले अधिकतम 10 राज्य सूचना आयुक्त (State Information Commissioners- SIC) शामिल होते हैं।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course