अमेरिकी डॉक्टरों द्वारा किसी मनुष्य में सूअर के हृदय का प्रत्यारोपण सफलता
हाल ही में, डॉक्टरों ने एक व्यक्ति के जीवन की रक्षा के अंतिम प्रयास के तहत पहली बार आनुवंशिक बदलाव के बाद सुअर के हृदय को प्रत्यारोपित किया है। इस जीवन रक्षक प्रत्यारोपण के लिए पशुओं के अंगों का उपयोग करके की गई यह एक अति-प्रयोगात्मक सर्जरी है।
- मानव अंगों की कमी के समाधान हेतु यह सर्जरी नई संभावनाओं को जन्म देगी।
- अंगों की कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य-विशेषज्ञ लंबे समय से ज़ेनो ट्रांसप्लांटेशन (Xenotransplantation) में रुचि दर्शा रहे हैं।
- ज़ेनो ट्रांसप्लांटेशन (Xenotransplantation) में किसी पशु से जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को एक मानव में ट्रांसप्लांट, इम्प्लांटया इंफ्यूशन किया जाता है। जेनो ट्रांसप्लांटेशन में अधिकांशतः सूअरों का उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि उनके अंग शरीर-विज्ञान की दृष्टि से मनुष्यों के अंगों के समान ही होते हैं। इसके अतिरिक्त, वे आनुवंशिक संशोधनों के लिए अधिक अनुकूल हैं।
चिंताएं
- चिकित्सा संबंधी निहितार्थः किसी व्यक्ति द्वारा दान किए गए अंगों को कई बार ग्रहणकर्ता व्यक्ति का शरीर स्वीकार नहीं करता है। पशु अंगों के साथ ऐसे जोखिम की तो और अधिक संभावना है।
- पशु अधिकारः कई पशु अधिकार समूह ऐसे प्रत्यारोपण के लिए पशुओं के जीन को संशोधित करने का विरोध करते हैं।
- धर्मः कुछ धर्मों में पशुओं को लेकर कठोर नियम होते हैं। इससे ऐसे प्रत्यारोपण मरीजों के लिए कठिन हो सकते हैं
- नैतिक मुद्देः सूचना देकर सहमति प्राप्त करना बहुत कठिन है। साथ ही, मनुष्यों पर नैदानिक परीक्षण न्यायोचित नहीं हैं, क्योंकि यह तकनीक अभी विकासशील चरण में ही है।
अंग दाता के रूप में सूअरों का आनुवंशिक रूप से संशोधन
जीन-एडिटिंग तकनीक के साथ जीन को जोड़ना और हटाना, सूअर की आनुवंशिक रूप से संशोधित कोशिकाओं का निर्माण करता है।
यह प्रक्रिया भ्रूण निर्मित करने के लिए उपयोग की जाती है। सूअर की आनुवंशिक रूप से संशोधित कोशिका का विकास एक नियंत्रित व जैविक रूप से सीलबंद परिवेश में किया जाता है। अंग को वयस्क सूअर से निकाल कर रोगी में प्रत्यारोपित किया जाता है।
रोगी को अपने शरीर को नए अंग को अस्वीकार करने से रोकने के लिए इम्यूनोसप्रेसेंट (Immunosuppressant) दवाएं लेनी होती हैं।
स्रोत – द हिन्दू